logo-image

लोगों ने खुद ही बनाया डेढ़ किलोमीटर लंबा घाट, जाने क्या है इस घाट की खासियत

गया जिले के स्थानीय लोगों ने आपसी सहयोग और श्रमदान से लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबा घाट बनाया है. लोगों ने खुद ही साफ-सफाई की, ट्रैक्टर व पोपलेन मशीन लगाकर घाट का निर्माण कराया. घाटों पर वॉच टावर, चेंजिंग रूम, नींबू पानी सहित शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है.

Updated on: 30 Oct 2022, 12:12 PM

Gaya:

लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. जहां देर संध्या छठ व्रती भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगे. वैसे तो जिला प्रशासन के द्वारा शहर के लगभग सभी घाटों पर व्यापक व्यवस्था की गई है. लेकिन गया जिले के मानपुर प्रखंड के लखीबाग मोहल्ले के घाट पर किसी तरह की व्यवस्था प्रशासन के तरफ से नहीं की गई. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने आपसी सहयोग और श्रमदान से लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबा घाट बनाया है. लोगों ने खुद ही साफ-सफाई की, ट्रैक्टर व पोपलेन मशीन लगाकर घाट का निर्माण कराया.

जहां छठ व्रती देर संध्या अर्घ्य देंगे. इसे लेकर घाटों पर वॉच टावर, चेंजिंग रूम, नींबू पानी सहित शुद्ध पेयजल की व्यवस्था भी की गई है. लोगों ने बताया कि पिछले 20 सालों से लखीबाग छठ पूजा समिति के द्वारा फल्गु नदी के पूर्वी तट पर आपसी सहयोग से छठ पूजा में व्यापक व्यवस्था की जाती है. जिला प्रशासन एवं नगर निगम के द्वारा इस बार इस घाट पर कोई व्यवस्था नहीं की गई. जिसके बाद लोगों ने बैठक कर निर्णय लिया और स्वयं हमलोगों ने डेढ़ किलोमीटर लंबा घाट बनाया है.

5 दिनों से हम लोग लगातार मेहनत कर रहे हैं. ट्रैक्टर और पोपलेनमशीन के द्वारा लंबे डेढ़ किलोमीटर घाट का निर्माण कराया गया है. जहां हजारों छठव्रती भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगे. छठ पूजा जैसे पावन पर्व पर में भी नगर निगम का रवैया उदासीन है. इस घाट पर नगर निगम के द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है. हर साल नगर निगम इस घाट के प्रति इसी तरह लापरवाह है. लाचार होकर हमलोग स्थानीय सहयोग से श्रमदान कर छठ व्रतियों के लिए घाट का निर्माण कराते हैं. छठ घाट पर किसी तरह की ज्यादा भीड़भाड़ ना हो, इसलिए लंबा घाट बनाया गया है.