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दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को तत्काल मिलेगी 1000 रुपये की मदद, करें यह काम

सरकार ने इसके लिए एक मोबाइल एप भी लॉन्च कर दिया है. इस मोबाइल ऍप को http://aapda.bih.nic.in से डाउनलोड कर सकते हैं.

Updated on: 03 Apr 2020, 12:10 PM

पटना:

कोरोना वायरस (Corona Virus) के प्रसार को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूर मुश्किलों में फंस गए हैं. ऐसे में बिहार की नीतीश सरकार ने इन गरीब और असहाय मजदूरों की बड़ी राहत दी है. सरकार बिहार (Bihar) से बाहर फंसे लोगों को तत्काल एक-एक हजार रुपये की सहायता देने जा रही है. मुख्यमंत्री राहत कोष, बिहार से मुख्यमंत्री विशेष सहायता अन्तर्गत इस कोरोना त्रासदी में फंसे लोगों को एक हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी.

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सरकार ने इसके लिए एक मोबाइल एप भी लॉन्च कर दिया है. इस मोबाइल ऍप को http://aapda.bih.nic.in से डाउनलोड कर सकते हैं. जिस पर लोग अपने बारे में सूचना दे सकते हैं. लॉकडाउन के बाद अभी तक बिहार में करीब पौने दो लाख लोग बाहर से वापस आ चुके हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद यह जानकारी दी. 

बिहार में बाहर से 1.74 लाख लोग पहुंचे- नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग में शामिल हुए और राज्य में कोरोना वायरस को लेकर उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों से बिहार आए लोगों को स्थानीय स्तर पर चिन्हित किया गया है. ऐसे 1 लाख 74 हजार 470 लोग हैं, जिनमें 12 हजार 51 विदेशी के रूप में देश के बाहर से आए हुए लोग शामिल हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आए सभी लोगों को होम कोरंटाइन में रखा गया है. खासकर विदेश से आए लोगों की जांच कराई जा रही है. मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा, 'तबलीगी जमात के कारण जो सबसे बड़ी समस्या आई है, उसके बारे में हमलोगों ने पता किया है. तबलीगी जमात के 112 लोगों की सूचियां हमलोगों को प्राप्त हुई हैं, जिसमें से बिहार के 12 लोगों की पहचान कर ली गई है. इनमें से कई लोग बिहार के बाहर ठहरे हुए हैं. 55 लोगों के पहचान की कोशिश की जा रही है, जिससे उनकी जांच हो सके.'

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उन्होंने बताया कि कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए अलग से अस्पताल के रूप में नालंदा मेडिकल अस्पताल सुनिश्चित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कई दवाइयों और जरूरी उपकरणों की उपलब्धता के विषय में भी बताया. मुख्यमंत्री ने कहा, 'लेबोरेट्री टेस्ट को प्रभावी बनाने के लिए भारत सरकार से अधिकृत टेस्टिंग कीट्स और उसके साथ उपयोग में आने वाली अन्य सामग्री जैसे बीपी, आरएनए एक्सट्रैक्शन किट आदि को समाहित करते हुए एक सेट के रूप में दिया जाए, जिसका काफी अच्छा परिणाम होगा.' उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कोविड-19 की रोकथाम और उपचार के लिए एन-95 मास्क, पीपीई किट का भी इंतजाम होना चाहिए. इसके अलावा भी कई कमियों का जिक्र किया गया.

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