Bihar Politics: बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है. विपक्ष ने एनडीए गठबंधन, विशेषकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा पर तीखा हमला बोला है. यहां बात हो रही है जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर की जिन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है. उन्होंने कहा कि लोग अपने बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा और रोजगार चाहते हैं और भ्रष्टाचार से मुक्ति की उम्मीद कर रहे हैं.
पिछले 30 वर्षों से बिहार की राजनीति बंधुआ मजदूरी जैसी
प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 30 वर्षों से बिहार की राजनीति बंधुआ मजदूरी जैसी हो गई है. कभी लालू यादव के डर से भाजपा को वोट दिया जाता है और कभी भाजपा के डर से लालू को. उन्होंने आरोप लगाया कि जनता अब इस बंदी सोच को हटाना चाहती है और विकास के लिए वोट देना चाहती है.
लालू यादव को भी घेरा
दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू यादव को झटका दिए जाने पर उन्होंने कहा, 'जो चोरी करेगा, उसको आज नहीं तो कल सजा जरूर मिलेगी. चाहे निचली अदालत हो या उच्चतम न्यायालय, न्याय जरूर होगा.'
बिहार के साथ है ये अन्याय
नीतीश कुमार की सेहत को लेकर उन्होंने गंभीर सवाल उठाए. उनका दावा था कि नीतीश कुमार मानसिक और शारीरिक रूप से इतने अस्वस्थ हैं कि वे अपने मंत्रियों के नाम तक नहीं याद रख सकते. उन्होंने कहा कि अब तो प्रधानमंत्री का नाम भी उन्हें याद नहीं रहता. ऐसे व्यक्ति को 13 करोड़ लोगों के प्रदेश का मुखिया बनाए रखना बिहार के साथ अन्याय है.
नौजवान पलायन करने को मजबूर
प्रशांत किशोर ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा जानबूझकर नीतीश कुमार को आगे रख रही है ताकि बिहार पिछड़ा ही बना रहे और यहां के नौजवान शिक्षा और नौकरी की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करते रहें. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए कहा, “अगर उनमें दम है तो घोषित करें कि एनडीए से मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा? क्या नीतीश कुमार ही फिर से मुख्यमंत्री होंगे?”
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