Bihar: बिहार में नीतीश सरकार ने बदली सड़कों की तस्वीर, 20 वर्षों में दोगुनी हुई निर्माण की रफ्तार

Patna: पथ निर्माण विभाग की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2005 तक जहां राज्य में मात्र 14 हजार 468 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ था. वहीं, वर्ष 2025 तक यह आंकड़ा बढ़कर 26 हजार किलोमीटर से अधिक हो चुका है.

Patna: पथ निर्माण विभाग की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2005 तक जहां राज्य में मात्र 14 हजार 468 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ था. वहीं, वर्ष 2025 तक यह आंकड़ा बढ़कर 26 हजार किलोमीटर से अधिक हो चुका है.

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Yashodhan.Sharma
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Bihar Road construction in 20 years

Bihar Nitish Government Photograph: (social)

Bihar: पिछले दो दशकों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने बुनियादी ढांचे, विशेषकर सड़क निर्माण के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति की है. वर्ष 2005 के पहले और अब के बिहार की तस्वीर में जमीन-आसमान का फर्क दिखता है. सड़कों की लंबाई, चौड़ाई और गुणवत्ता तीनों ही स्तरों पर राज्य ने नई ऊंचाइयों को छुआ है.

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20 सालों में कितना हुआ बदलाव

पथ निर्माण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जहां 2005 तक राज्य में मात्र 14,468 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ था, वहीं 2025 तक यह बढ़कर 26,000 किलोमीटर से अधिक हो चुका है. राष्ट्रीय उच्च पथों की लंबाई भी 3,629 किलोमीटर से बढ़कर 6,147 किलोमीटर हो गई है. राज्य उच्च पथों की लंबाई 2,382 किलोमीटर से 3,638 किलोमीटर और वृहद जिला पथों की लंबाई 8,457 किलोमीटर से बढ़कर 16,296 किलोमीटर हो चुकी है.

सड़कों में भी हुआ बड़ा इजाफा

राज्य में सड़कों के चौड़ीकरण में भी जबरदस्त सुधार हुआ है. अब दो, चार और छह लेन की सड़कों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है. राष्ट्रीय उच्च पथों में सिंगल लेन की लंबाई घटकर 186 किलोमीटर रह गई है, जबकि दो लेन की सड़कों की लंबाई 3,278 किलोमीटर तक पहुंच गई है. वहीं चार और छह लेन की सड़कों की कुल लंबाई अब 1,704 किलोमीटर हो चुकी है.

राज्य उच्च पथों में पहले जहां केवल 52 किलोमीटर सड़कें दो लेन थीं, अब यह आंकड़ा 2,786 किलोमीटर तक पहुंच चुका है. इसी तरह वृहद जिला पथों में भी दो और चार लेन सड़कों का विकास तेजी से हुआ है.

एक्सप्रेसवे के क्षेत्र में भी बिहार की उपलब्धि

एक्सप्रेसवे के क्षेत्र में भी बिहार ने बड़ी छलांग लगाई है. 2005 से पहले राज्य में एक भी एक्सप्रेसवे नहीं था, लेकिन अब पांच प्रमुख एक्सप्रेसवे परियोजनाएं प्रक्रियाधीन हैं, जिनमें रक्सौल-हल्दिया, गोरखपुर-सिलीगुड़ी, पटना-पूर्णिया, बक्सर-भागलपुर और वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे शामिल हैं.

सरकार का है ये अगला कदम

सरकार अब एक और महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर काम कर रही है, जैसे कि 2027 तक राज्य के किसी भी कोने से पटना तक अधिकतम 3.5 घंटे में पहुंचने की व्यवस्था. इससे पहले 5 घंटे में राजधानी तक पहुंचने की योजना सफलतापूर्वक लागू की जा चुकी है. बिहार अब देश के लिए बुनियादी ढांचे के विकास का एक आदर्श मॉडल बनता जा रहा है.

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