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CBI को पटना हाई कोर्ट ने सौंपा खुशी अपहरण मामला, जानिए पूरी जानकारी

मुजफ्फरपुर जिले के ब्रह्मपुरा थाना के पवरीया टोला से 16 फरवरी 2021 के शाम से गायब 5 वर्षीय खुशी का अबतक पुलिस सुराग नहीं लगा पाई है.

Updated on: 06 Dec 2022, 04:32 PM

highlights

. खुशी अपहरण मामले में सीबीआई की एंट्री

. पटना हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंपा केस

Patna:

मुजफ्फरपुर जिले के ब्रह्मपुरा थाना के पवरीया टोला से 16 फरवरी 2021 के शाम से गायब 5 वर्षीय खुशी का अबतक पुलिस सुराग नहीं लगा पाई है. बता दें कि 5 वर्षीय खुशी सरस्वती पूजा पंडाल देखने गई थी और उसी के बाद से वह गुमशुदा है. खुशी के पिता राजन साह लगातार पुलिस पदाधिकारी का दरवाजा खट-खटाते रहे, मगर वरीय पुलिस अधिकारी उन्हें जाने को कहते रहे व बात को टालते रहे. परिजन का कहना है कि जांच के नाम पर सिर्फ पदाधिकारी गोलमाल करते रहे और उसी का नतीजा है कि आजतक न्याय नहीं मिला. आखिरकार खुशी के परिजन को हाईकोर्ट का दरवाजा खट-खटाना पड़ा. बार-बार जिले के SSP कहते रहे कि सब्जी बेचने वाला हाईकोर्ट पहुंचेगा, यह कह कर एक साल तक जांच भटकाने का आरोप मृतक बच्ची के पिता लगा रहे हैं.

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उनका विश्वास अब बिहार पुलिस से हट गया है और न्यायालय पर भरोसे की बात कर रहे हैं. अब इस पूरे मामले में हाईकोर्ट ने सीबीआई के हवाले कर दिया है. वहीं मुजफ्फरपुर के पुलिस अधीक्षक को खुशी अपहरण से संबंधित सभी फाईल सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है. अमन कुमार व संदिग्ध राहुल कुमार की पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति रंजन प्रसाद की एक पीठ ने आदेश जारी किया है.

क्या था मामला 
16 फरवरी, 2021 को सरस्वती पूजा पंडाल में खेलने के दौरान गायब 17 फरवरी 2021 के पिता ने ब्रहमपुरा थाने में अज्ञात के विरुद्ध दर्ज कराया था. 28 मार्च 2021 को आरोपी अमन को जेल भेजा गया. 26 अगस्त 2021 को पिता राजन साह ने हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया था.  21 जून 2022 हाईकोर्ट में नगर उपाधीक्षक उपस्थित हुए और 16 अगस्त 2022 को हाईकोर्ट ने SSP से सवाल किया और सीबीआई से जांच कराने की बात कही. 5 दिसंबर, 2022 को हाईकोर्ट ने सीबीआई को मामले की जांच का निर्देश दिया. वहीं पिता ने कहा SSP बार-बार प्रताड़ित करते थे.