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खुशी अपहरण केस: हाईकोर्ट का SSP को आदेश, लापरवाह DSP, SHO व IO पर हो कार्रवाई

खुशी अपहरण कांड में आरोपी अमन कुमार एवं संदिग्ध राहुल कुमार की पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट पर सुनवाई करने के बाद न्यायमूर्ति रंजन प्रसाद की एकल पीठ ने मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया है.

Updated on: 06 Dec 2022, 04:53 PM

highlights

. सीबीआई करेगी खुशी अपहरण कांड की जांच

. हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का दिया आदेश

. लापरवाही बरतनेवाले पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई का आदेश

Muzaffarpur:

मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा थाना के पवरीया टोला से 16 फरवरी 2021 के शाम अचानक लापता हुई 5 वर्षीय खुशी के अपहरण की जांच अब सीबीआई करेगी. हाईकोर्ट ने सीबीआई को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है और साथ ही मामले में लापरवाही बरतनेवाले पुलिस अफसरों के खिलाफ जिले के एसएसपी को कार्रवाई करने का भी आदेश दिया है. खुशी अपहरण कांड में आरोपी अमन कुमार एवं संदिग्ध राहुल कुमार की पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट पर सुनवाई करने के बाद न्यायमूर्ति रंजन प्रसाद की एकल पीठ ने मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया है.

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लापरवाही बरतनेवाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का भी आदेश

खुशी अपहरण कांड में लापरवाही बरतने वाले अफसरों में शामिल विवेचक दिव्यानंद, थानेदार व संयुक्त विवेचक अनिल कुमार गुप्ता और तत्कालीन डीएसपी राम नरेश पासवानी की भूमिका की भी जांच करने का आदेश हाईकोर्ट ने एसएसपी जयंतकांत को सौंपा है. साथ ही ये भी निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द सीबीआई को खुशी अपहरणकांड से जुड़ी फाइल और रिकॉर्ड हैंडओवर करें. हाईकोर्ट ने अपने 17 पन्नों के आदेश में ये स्पष्ट कहा है कि खुशी को बरामद करने व जांच में जिन पुलिस अधिकारियों ने लापरवाही बरती है उनके खिलाफ एसएसपी विभागीय कार्रवाई करें.

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मुफ्त में वकील ने लड़ा केस

आज भी देश में कानून तक आम लोगों की पहुंच आसान नहीं है. राजन साह की भी हालत कुछ ऐसी ही है. उनके पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वह अपनी बेटी का केस हाईकोर्ट में लड़ सकते. वह हाईकोर्ट गए लेकिन अधिवक्ताओं के ठाट-बांट देखने के बाद वह किसी अधिवक्ता से बात करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे, लेकिन जैसे-तैसे हिम्मत करके ओम प्रकाश नाम के अधिवक्ता से राजन साह ने अपनी पीड़ा बताई और बच्ची का फोटो दिखाया.

बच्ची का फोटो देखने के बाद और राजन साह की हालत पर गौर करने के बाद अधिवक्ता ओम प्रकाश ने राजन साह को भरोसा दिलाया कि उनकी जीत होगी और उनसे एक रुपया वो फीस के तौर पर नहीं लेंगे और ओम प्रकाश ने पूरी सिद्दत के साथ राजन साह का पक्ष हाईकोर्ट में रखा और नतीजा ये हुआ है कि अब जिन पुलिसकर्मियों ने खुशी की बरामदगी में लापरवाही बरती थी उन्हें भी कटघरें में खड़ा होना पड़ेगा और मामले की जांच देश की शीर्ष जांच एजेंसी सीबीआई करेगी.

मामले पर एक नजर

  • 16 फरवरी 2021 को सरस्वती पूजा पंडाल में खेलने के दौरान गायब
  • 17 फरवरी 2021 के पिता ने ब्रहमपुरा थाने में अज्ञात के विरुद्ध दर्ज कराया मामला
  • 28 मार्च 2021 को आरोपी अमन को भेजा गया जेल
  • 26 अगस्त 2021 को पिता राजन साह ने हाईकोर्ट में दायर किया था मुकदमा
  • 21 जून 2022 हाईकोर्ट में नगर उपाधीक्षक हुए उपस्थित
  • 16 अगस्त 2022 हाईकोर्ट ने SSP से सीबीआई जांच कराने से जुड़े सवाल किए
  • 5 दिसम्बर 2022 हाईकोर्ट ने सीबीआई को मामले की जांच का निर्देश दिया

रिपोर्ट: राकेश रंजन