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Bihar News: एंबुलेंस टेंडर को लेकर पटना HC ने सुरक्षित रखा फैसला, जानिए क्या है मामला

बिहार में एंबुलेंस सेवा संचालन के ठेका के मामले में बवाल जारी है. इसमें घोटाले को लेकर चल रहा विवाद अब पटना हाईकोर्ट पहुंच चुका है.

Updated on: 20 Jun 2023, 05:14 PM

highlights

  • एंबुलेंस टेंडर को लेकर पटना HC ने सुरक्षित रखा फैसला
  • PDPL के खिलाफ सम्मान फाउंडेशन ने दायर की थी याचिका

Patna:

बिहार में एंबुलेंस सेवा संचालन के ठेका के मामले में बवाल जारी है. इसमें घोटाले को लेकर चल रहा विवाद अब पटना हाईकोर्ट पहुंच चुका है. पीडीपीएल के खिलाफ सम्मान फाउंडेशन की HC में लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. बताया जा रहा है कि 31 मई को 102 आपात सेवा के तहत चलने वाली 2 हजार 125 एंबुलेंसों का ठेका जेडीयू के सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के रिश्तेदारों को मिला है. इस ठेके के दौरान नियमों में बदलाव और दस्तावेजों का लीक होने का आरोप भी लगाया जा रहा है. एंबुलेंस सेवा का ठेका पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था. ये एम्बुलेंस सेवा गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को हॉस्पिटल पहुंचाती है. जिसके बदले में उनसे कोई भी रकम वसूल नहीं की जाती है.

ये है आरोप

  • 102 आपात सेवा के तहत चलने वाली 2125 एंबुलेंस का ठेका दिया.
  • 16 सौ करोड़ का ठेका जेडीयू सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के रिश्तेदारों को मिला.
  • सांसद के रिश्तेदारों को ये ठेका दिए जाने के लिए नियमों में बदलाव किए गए.
  • ठेका सांसद के रिश्तेदार को मिल सके इसके लिए दस्तावेज भी लीक किए गए.
  • एंबुलेंस का ठेका पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया.
  • कंपनी में सांसद के कई रिश्तेदार और बहु और बेटा निदेशक के पद पर हैं.
  • कंपनी के नाम दूसरी बार ये ठेका दिया गया है.
  • इस बार कंपनी इस ठेके के लिए अकेली ही दावेदार थी.

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इधर एंबुलेंस घोटाले को लेकर बिहार में सियासत जारी है. बीजेपी जहां बिहार सरकार पर हमलावर है. बिहार विधानसभा में विरोधी दल के नेता विजय कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग में कमीशन खोरी के आरोप लगाए हैं. विजय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य विभाग का बुरा हाल है और मिशन 60 को लेकर बीजेपी बार-बार सरकार को आगाह कर रही थी, लेकिन नतीजा यह निकला कि 1600 करोड़ का टेंडर जदयू के सांसद को दे दिया गया है. स्वास्थ विभाग में अरबों रुपयों की कमीशन खोरी हो रहा है. 

वहीं, जेडीयू के जिस सांसद पर ये आरोप लगे हैं उन्होंने भी अपना पक्ष रखा है. न्यूज स्टेट से सांसद ने कहा कि उनकी छवि को खराब करने के लिए इस तरीके की रिपोर्ट सावर्जनिक की जा रही है. इस कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर हमारे परिवार से जुड़े हुए लोग हैं.