बिहार में स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था को लेकर खूब दावे किये जाते हैं, लेकिन गर्दनीबाग सरकारी अस्पताल की तस्वीर बिहार के तमाम दावों की पोल खोलती नजर आ रही है. गर्दनीबाग सरकारी अस्पताल की बदहाली का हालम ये है कि यहां एक्सरे मशीन तो उपलब्ध है, लेकिन इसे चलाने वाले ऑपरेटर नहीं हैं. मरीजों के लिए पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है. यहां के चापाकल बंद पड़े हुए हैं. दवाइयों की बात करें तो यहां कुछ ही दवाइयां मरीजों को मिल पाती हैं. अस्पताल की बदहाली की तस्दीक खुद यहां के स्टॉफ भी कर रहे हैं. वहीं, अस्पताल परिसर में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा रहता है. कई लोगों का तो ये तक कहना है कि यहां इलाज के दौरान आने पर उन्हें बिमार होने का डर सताता है.
वॉशरूम की हालत भी खराब
अब बात करें मरीजों के वॉशरूम की तो वो भी काफी जर्जर है और गंदगी का अंबार है. अगर सही आदमी भी इस वॉशरूम में जाये तो बिमार होना तय है. अब बात कर लेते हैं पूरे अस्पताल की तो इसकी बिल्डिंग की हालत भी दयनीय है. हालांकि इसकी जानकारी यहां के डॉक्टरों ने स्थानीय प्रशासन को कई बार दी है, लेकिन अस्पताल के हालत नहीं बदले. अस्पताल की बिल्डिंग जर्जर हालत में है.
रोज आते हैं 200 लोग
इस अस्पताल में प्रतिदिन 200 के आसपाल लोग ओपीडी के माध्यम से इलाज करवाते हैं और जबकि अस्पताल में डॉक्टरों की संख्या ओपीडी के टाइम के अलावा केवल एक है और मरीजे के लिए केवल 10 बेड हैं. ऐसे में यहां कैसे इलाज मिल पाएगा ये एक बड़ा सवाल है. जहां 200 लोग हर रोज इलाज के लिए आते हैं वहां मात्र 10 बेड में कैसे काम चलेगा.
रिपोर्ट : सनी कुमार
HIGHLIGHTS
- अस्पताल बीमार... मरीज लाचार
- परिसर में लगा गंदगी का अंबार
- जर्जर बिल्डिंग... बेड भी नहीं
- कैसे सुधरेगी स्वास्थ्य व्यवस्था?
Source : News State Bihar Jharkhand