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CM Nitish kumar Photograph: (Social)
Bihar: बिहार में शराबबंदी कानून को लागू हुए 9 वर्ष पूरे हो गए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस कड़े फैसले को 5 अप्रैल 2016 से लागू किया गया था. इस कानून ने लाखों परिवारों की जिंदगी बदल दी और उन्हें वैकल्पिक रोजगार के अवसर मिले. सरकार के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2016 से मार्च 2025 तक 3 करोड़ 86 लाख 96 हजार 570 लीटर शराब जब्त की गई. इसमें 2.10 करोड़ लीटर विदेशी और 1.76 करोड़ लीटर देसी शराब शामिल है. मद्य निषेध विभाग और पुलिस ने मिलकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया.
97% जब्त शराब को किया गया नष्ट
पिछले 9 वर्षों में राज्य में जब्त की गई 3 करोड़ 86 लाख 96 हजार 570 लीटर शराब में मार्च 2025 तक 3 करोड़ 77 लाख 28 हजार 713 लीटर शराब नष्ट किया जा चुका है. यह कुल जब्त की गई शराब का 97 फीसदी है. यानी अभी 9 लाख 67 हजार 857 लीटर शराब नष्ट करने के लिए शेष है. इसकी प्रक्रिया भी जारी है. कोर्ट से अनुमति मिलते ही इन्हें भी नष्ट कर दिया जाएगा.
9 लाख से अधिक मुकदमे दर्ज
शराबबंदी कानून के तहत 9 वर्षों के दौरान इसका किसी न किसी रूप में उल्लंघन करने वाले 9 लाख 36 हजार 949 मुकदमें दर्ज किए गए हैं. इसमें उत्पादन एवं मद्य निषेध विभाग की तरफ से 4 लाख 24 हजार 852 तथा पुलिस के स्तर से 5 लाख 12 हजार 97 एफआईआर दर्ज की गई है. इन मुकदमों 14 लाख 32 हजार 837 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है.
99% मामलों में मिली सजा
अप्रैल 2016 से मार्च 2025 तक उत्पाद न्यायालयों में दर्ज मामलों में से 4.18 लाख मामलों का निपटारा हुआ. इनमें 4.16 लाख आरोपियों को सजा सुनाई गई, जो कुल मामलों का 99% है.
1.40 लाख वाहन जब्त
इस कानून के तहत 1.40 लाख वाहन जब्त किए गए. इनमें से 74,725 वाहनों की नीलामी से 340 करोड़ रुपये मिले. 17,163 वाहन पेनाल्टी देकर मुक्त कराए गए, जिससे 81 करोड़ रुपये की वसूली हुई.
8,268 भवनों की जब्ती
शराबबंदी के उल्लंघन में 8,268 भवन जब्त किए गए, जिनमें से 584 को पेनाल्टी देकर छोड़ा गया. इससे सरकार को 8 करोड़ 23 लाख रुपये की आय हुई. ये वैसे भवन या भूखंड हैं, जहां शराब छिपा कर रखी गई थी या बनाई जाती थी, ताकि इससे तस्करी की जा सके.
शराब पकड़ने के लिए हाईटेक तकनीक
अवैध शराब पर रोक के लिए सरकार स्नीफर डॉग, ब्रेथ एनालाइजर और स्कैनर का इस्तेमाल कर रही है. विभाग के पास 33 स्नीफर डॉग, 890 ब्रेथ एनालाइजर और 12 स्कैनर हैं. सरकार शराबबंदी कानून को और सख्ती से लागू करने के लिए निरंतर प्रयासरत है.