पटना-आरा-सासाराम ग्रीनफील्ड कॉरिडोर से दो एयरपोर्ट और 4 प्रमुख स्टेशन भी जुड़ेंगे, इलाके का होगा आर्थिक उत्थान

पटना और बिहटा एयरपोर्ट के अलावा 4 प्रमुख रेलवे स्टेशन सासाराम, आरा, दानापुर एवं पटना के बीच 4 लेन सड़क की होगी सीधी कनेक्टिविटी. रिंग रोड से भी इस सड़क का सीधा संपर्क होने के कारण यात्री और सामान की आवाजाही में आएगी गति.

पटना और बिहटा एयरपोर्ट के अलावा 4 प्रमुख रेलवे स्टेशन सासाराम, आरा, दानापुर एवं पटना के बीच 4 लेन सड़क की होगी सीधी कनेक्टिविटी. रिंग रोड से भी इस सड़क का सीधा संपर्क होने के कारण यात्री और सामान की आवाजाही में आएगी गति.

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Mohit Saxena
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patna ara sasaram greenfield corridor (social media)

बिहार में पटना-आरा-सासाराम 4 लेन ग्रीनफील्ड एवं ब्राउन फील्ड परियोजना को हरी झंडी मिलने से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आधुनिक एवं समृद्ध बिहार बनाने का संकल्प और मजबूत हुआ है. इसका निर्माण जल्द ही शुरू होने जा रहा है. यह सड़क पटना से सासाराम के बीच 110 किमी की होगी. इसके निर्माण पर करीब 3 हजार 712 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इस परियोजना के पूरे होने से पटना स्थित जयप्रकाश नारायाण हवाई अड्डा और बिहटा स्थित हवाई अड्डा सीधे 4 लेन सड़क से जुड़ जाएगा. 

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शहरों का सीधा जुड़ाव हो जाएगा

इसके साथ ही दक्षिण बिहार के चार प्रमुख रेलवे स्टेशन सासाराम, आरा, दानापुर और पटना भी आपस में जुड़ जाएंगे. पटना के गायघाट स्थित अंतर्देशीय जल टर्मिनल से भी अन्य शहरों का सीधा जुड़ाव हो जाएगा. इससे जल मार्ग से  सामानों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजने में बेहद सहूलियत होगी. पटना के रिंग रोड से इस नई चार लेन की सड़क के जुड़ने से राजधानी पटना से अन्य शहरों तक व्यक्ति और सामानों की आवाजाही बेहद सुगम हो जाएगी.

शहर तक आने-जाने की सुविधा मिलेगी

पटना-आरा-सासाराम के बीच बनने वाली इस नई सड़क से लखनऊ, पटना, रांची और वाराणसी के बीच की आवाजाही काफी सुगम हो जाएगी. कम समय में एक शहर से दूसरे शहर तक आने-जाने की सुविधा मिलेगी. इससे इस पूरे इलाके का तेजी से आर्थिक विकास हो सकेगा. केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत बन रही यह सड़क सघन आबादी वाले शहरों  को आपस में जोड़ते हुए इनके बीच बेहतर यातायात की सुविधा प्रदान करेगी. इस प्रोजेक्ट से करीब 48 लाख मानव दिवस रोजगार सृजित होने की संभावना है. इससे पटना और आसपास के इलाके में आधारभूत संरचना का समुचित विकास होने के  साथ ही राज्य में रोजगार के कई अवसर भी विकसित होंगे. राज्य में सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में उन्नति के मार्ग भी प्रशस्त होंगे.
      
इस प्रोजेक्ट से कई अहम और बड़े ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर आपस में जुड़ जाएंगे. इनके आपस में जुड़ने से माल या सामान ढोने के एक बड़े नेटवर्क का विकास होगा, जिस पर कम समय में बिना किसी समस्या के सामानों को एक शहर से दूसरे शहर में आसानी से लाया एवं ले जाया जा सकेगा. इसमें एनएच-19, एनएच-319, एनएच-922, एनएच 131जी और एनएच- 130 मुख्य रूप से आपस में जुड़ जाएंगे. औरंगाबाद, कैमूर और पटना के बीच भी सड़क संपर्क बेहतरीन हो जाएगा. 

यातायात काे जामरहित बनाएगी

इस समय सासाराम, आरा और पटना के बीच सड़क संपर्क स्टेट हाईवे (एसएच) संख्या 2, 12, 81 एवं 102 की बदौलत है. इसमें आरा शहर में भीषण जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है. इससे वाहनों को इस शहर को पार करने में कम से कम 3 से 4 घंटे का अतिरिक्त समय लगता है. इस नई ग्रीनफील्ड योजना के तहत मौजूदा सड़क में 10.6 किमी का नया  हाईवे बनाने की योजना है, जो शहर से बाहर की तरफ निकलेगा और इससे जाम की समस्या से पूरी तरह से छुटकारा मिलेगा. इसके साथ घनी आबादी वाले इलाकों आरा, ग्रहिनी, पीरो, बिक्रमगंज, मोकर और सासाराम से भी आसानी से निकलने का विकल्प देगा. इन इलाकों की सघन आबादी से अलग यह नई चार लेन सड़क लोगों को यातायात का जामरहित बेहतर विकल्प देगी. इससे कम समय में इन शहरों की दूरी तय की जा सकेगी.

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