मधेपुरा सदर अस्पताल में मरीजों को नहीं मिलता इलाज, निरीक्षण के समय मिलता है सब ठीक

औचक निरीक्षण के दौरान कैंसर विभाग के चिकित्सक ओपीडी से गायब मिले.

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Shailendra Shukla
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सदर हॉस्पिटल, मधेपुरा( Photo Credit : File Photo)

मधेपुरा सदर अस्पताल में निर्माण कार्यों का जायजा लेने पटना से स्टेट  डिप्टी डायरेक्टर फैमिली प्लानिंग ऑफिसर निशांत कुमार साथ में रीजनल प्रोग्राम मैनेजर विपिन कुमार चौधरी सदर अस्पताल पहुंचे. जांच टीम के अधिकारियों ने सदर अस्पताल पहुंचते ही इमरजेंसी वार्ड सहित अन्य विभागों का लिया जायजा. हालांकि निरीक्षण की सूचना पहले से ही अस्पताल कर्मियों को थी. बावजूद इसके कई खामियां सामने आई, लेकिन निरीक्षण को लेकर अस्पताल प्रशासन ने रंग रोगन समेत तमाम कार्य कर लिए थे. वहीं, अस्पताल में मरीजों का इलाज अच्छे से नहीं होता.

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चिकित्सक मिले नदारद

औचक निरीक्षण के दौरान कैंसर विभाग के चिकित्सक ओपीडी से गायब मिले. सदर अस्पताल के मुख्य द्वार पर बने पूछ ताछ केंद्र में अनियमितता की शिकायत पर डिप्टी डायरेक्टर ने पूछताछ केंद्र पर डॉक्टरों और कर्मियों के रोस्टर के साथ जीविका कर्मी की उपस्थिति अनिवार्य करने का निर्देश दिया. लगभग एक घंटे तक किए गए औचक निरीक्षण में जीविका रसोई से ओपीडी और इमरजेंसी वार्ड के साथ- साथ सभी वार्डो की स्थिति का जायजा लिया. जीविका रसोई से लेकर अस्पताल का निरीक्षण किया.निरीक्षण के दौरान सेंट्रल रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पहुंचकर कर्मियों से पूछताछ की. मरीजों का पर्चा भी देखा. पर्चा पर डॉक्टर का विभाग अंकित नहीं रहने पर कर्मियों को फटकार लगायी. डेंटल विभाग के डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं दिखे. 

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दिखावे के लिए व्यवस्थाएं थी चाकचौबंद

निरीक्षण की सूचना पर सदर अस्पताल मधेपुरा में चाकचौबंद व्यवस्था कर दी गई थी. ताकि निरीक्षण में पहुंचे सचिव चाक चौबंद व्यवस्था देख कर खुश हो जाएं. उनके आने की सूचना पर अस्पताल प्रशासन द्वारा पहले से ही सारी व्यवस्था चकाचक कर ली गई थी, ताकि सचिव निरीक्षण के दौरान सारी व्यवस्था बेहतर देखकर प्रसन्न हो जाएं.

दिखावे के लिए था सारा इंतजाम

बता दें कि सूचना पर अस्पताल प्रशासन द्वारा आनन-फानन में सारी सुविधाएं अस्पताल में बहाल कारवाई गई. सभी रूम में पर्दे लगा दिए गए. सभी वार्डो के बेड पर नई नई चादर बिछा दी गई. रूम के दरवाजे पर डस्टबिन कर दिया गया. अस्पताल के चारो ओर गार्ड की तैनाती कर दी गई. सभी रूम में बार बार रूम स्प्रे छिड़का जा रहा था. इमरजेंसी वार्ड के मुख्य गेट पर सूचना पट दिया गया. उसके नीचे एक स्ट्रेचर रख दिया गया. 

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आज पूरी ईमानदारी से काम करते दिखे अस्पतालकर्मी

आज इलाज कराने मधेपुरा सदर अस्पताल में पहुंचे लोगों ने कहा कि अस्पताल में यह सारी सुविधाएं देखकर लग रहा है यह कोई अस्पताल नहीं बल्कि किसी का घर हो. आज से पहले इतना चकाचक अस्पताल देखने को कभी नहीं मिला. आज सभी डॉक्टर नर्स और वार्डबॉय अपने ड्यूटी पर इमानदारी पूर्वक तैनात दिखे. लोगों ने कहा कास हर रोज कोई ना कोई अधिकारी आते तो हम गरीबो को सदर अस्पताल में बेहतर सुविधा हर रोज मिल पाती. आज से पहले कोई कर्मी किसी रोगी से सही तरीके से बात तक करने को तैयार नहीं होता लेकिन आज हर कोई अपनी नरमी से पेश आ रहा है.

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एक माह पहले शुरू हुए शौंचालय में गंदगी ही गंदगी

बीते माह पहले सदर अस्पताल परिसर में सुलभ शौचालय व स्नानागार का उद्घाटन अस्पताल के वरीय अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया है. इसमें भी सफ़ाई का आलम यह है कि अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे मरीज और उनके परिजन को ना तो शौचालय और ना ही नहाने के लिए स्नानागार का लाभ मिल रहा है.

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जहां सदर अस्पताल में हर रोज सैकड़ों पुरुष एवं महिला रोगी इलाज कराने के लिए आते हैं लेकिन, यहां के शौचालय व स्नानागार के साफ सफाई नहीं होने के कारण दुर्गंध से उन्हें काफी परेशानी होती है. जिसके कारण महिला रोगी व उनके परिजन खुले पर्दे में नहाने को विवश है.

पटना वाली टीम से नहीं हो पाएगा....!

मधेपुरा सदर अस्पताल में इलाज के लिए आए हुए स्थानीय लोगों ने कहा कि सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट हो गई है. सदर अस्पताल में दिन ब दिन जांच के नाम पर सिर्फ लूट हो रहा है. खासकर मधेपुरा सदर अस्पताल एवं स्वास्थ्य विभाग के जो भी कार्यालय है वहां पर अनियमितता है, लूट है जिस कारण स्वास्थ्य विभाग में सुधार की कल्पना बेमानी है. पटना से टीम आ जाए या दिल्ली से टीम आ जाए यह लोग भ्रष्टाचार में लिप्त है पर कोई कार्यवाही नहीं होने के कारण सदर अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारीयों के मनोबल चरम पर है.

लोगों ने कहा कि यह लोग दावे कर रहे हैं चाहे राज्य सरकार की ओर से हो या जिला के स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह ठीक है. लेकिन गरीबों को ना ही ठीक से दवाइयां मिलती है और ना ही ठीक से इलाज हो पाता है. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से जो भी व्यवस्था है, वह बंदरबांट हो जा रही है. सिर्फ लीपापोती हो जा रही है. सभी सुविधाएं सिर्फ फाइलों में बंद है. इस लिए जरूरत है एक बड़ा विभागीय जांच हो ताकि जो बड़ा घपला स्वास्थ्य विभाग में हो रहा है उसका उजागर हो. जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी पर आ सके और मधेपुरा के लोगों को इसकी बेहतर सुविधा मिल सके.

अस्पताल में हैं कई खामियां

वहीं, इस दौरान दिलीप सिंह नाम के शख्स ने कहा कि सरकार मौखिक रूप से बड़े-बड़े वादे करते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर इसका सच कुछ और ही है, जिसका खामियाजा सदर अस्पताल में इलाज करा रहे यहां के गरीब मरीजों को भुगतना पड़ता है. उन्होंने कहा अगर इमानदारी पूर्वक अस्पताल का निरीक्षण किया जाए तो अस्पताल में बहुत सारी खामियां नजर आएगी. हाल में ही जो निरीक्षण टीम ने अस्पताल का निरीक्षण किया है उसे पूरी ईमानदारी के साथ सरकार तक पहुंचाए ताकि गरीब मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके. कभी पटना कभी दिल्ली से आए टीम द्वारा जांच के नाम पर हो रही लूट को भी जल्द बंद किया जाना चाहिए.

रिपोर्टर: रूपेश कुमार

HIGHLIGHTS

  • मधेपुरा सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण
  • दिखावे के लिए अस्पताल प्रबंधन ने सारी तैयारियां कर रखी थी
  • कई विभागों में डॉक्टर मिले अनुपस्थित
  • पटना से आई जांच टीम ने किया औचक निरीक्षण

Source : News State Bihar Jharkhand

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