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लोकसभा स्पीकर ने मानी पांचों MPs की मांग, पशुपति पारस LJP के नेता सदन बने

बिहार की सियासी गलियारों में एक बार फिर सरगर्मी बढ़ गई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी में दरार पड़ गई है. रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस ने 5 सांसदों को अपने पाले में लेकर पार्टी पर अधिकार जता दिया है.

Updated on: 14 Jun 2021, 10:17 PM

highlights

  • बिहार की सियासी गलियारों में एक बार फिर सरगर्मी बढ़ी
  • लोक जनशक्ति पार्टी में दरार पड़ गई

नई दिल्ली:

बिहार की सियासी गलियारों में एक बार फिर सरगर्मी बढ़ गई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी में दरार पड़ गई है. रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस ने 5 सांसदों को अपने पाले में लेकर पार्टी पर अधिकार जता दिया है और ऐसे में लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान अकेले पड़ गए हैं. इस बीच लोकसभा स्पीकर ने एलजेपी के पांचों सांसदों की मांग मान ली है. पशुपति पारस को LJP का संसदीय दल का नेता माना गया है. इस पर अब 13 जून को बैठक होगी. इसी मसले पर पशुपति पारस ने सोमवार को सफाई देते हुए कहा कि मैंने पार्टी को तोड़ा नहीं है, पार्टी को बचाया है. 

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इस बीच खबर आई कि चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पारस के लिए अपनी चाची को संदेश छोड़ा है कि मैं भी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने को तैयार हूं, मेरी मां यानी राम विलास पासवान की पत्नी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया जाए, वे सबसे बड़ी हैं. पार्टी जैसे चल रही है चलती रहने दी जाए. संसदीय दल के नेता भी चाचा ही रहें. चिराग पासवान ने एक बार पशुपति कुमार पारस और सांसदों के साथ बैठ चर्चा करने की बात कही है.

आपको बता दें कि इस सिलसिले में इन सभी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को एक पत्र भी लिखा था. बता दें कि लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के अलग होने की खबर है. पशुपति कुमार पारस समेत अन्य 5 सांसद एक साथ आ गए हैं. खबर आ रही है लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के 5 सासंद चिराग पासवान का साथ छोड़ सकते हैं. बताया जा रहा है कि चिराग पासवान से नाराज पांचों सांसद जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) का दामन थाम सकते हैं. 

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बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में एलजेपी, बीजेपी-जेडीयू से अलग हो गई थी. रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग ने अपने बल पर विधानसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि इसमें लोजपा जनता का दिल नहीं जीत पाई थी. बिहार विधानसभा में एलजीपी के हाथ केवल एक सीट आई थी. बाद में लोजपा विधायक राज कुमार सिंह जेडीयू में शामिल हो गए थे.