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अपनी गर्लफ्रेड के लिए आत्महत्या करने जा रहे थे पप्पू यादव!

ये वक्त था साल 1991 का जब पप्पू यादव एक मामले में पटना की जेल में बंद थे. जेल में रहने के दौरान वो अक्सर जेल सुपरिटेडेंट के आवास से सटे मैदान में खलते हुए लड़कों को देखते थे. जिससे उनकी दोस्ती विक्‍की नाम के एक लड़के से हो गई जो यहां खेलने आता था.

Updated on: 03 Feb 2023, 07:38 PM

highlights

  • बिना मिले ही फोटो देखर पप्पू यादव को हुआ था प्यार
  • 2 साल तक रंजीत को पप्पू के प्यार का पता ही नहीं चला 
  • जब रंजीत नहीं मानी तो पप्पू ने खा ली थी नींद की गोलियां
  • कांग्रेस नेता ने दोनों को मिलाना का किया था काम 
  • दुल्‍हिनया रंजीत कौर हेलीकॉप्‍टर से पहुंचीं थी शादी में 

Patna:

बिहार की राजनीति गलियारों में अगर प्यार की बात हो और जन अधिकार पार्टी (JAP) के अध्‍यक्ष व पूर्व सांसद पप्‍पू यादव की चर्चा ना हो ऐसा तो हो नहीं सकता है. इनके प्यार के किस्से तो आज भी लोग करते हैं. इनकी प्रेम कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. 3 साल तक अपनी प्रेमिका के चक्कर पप्पू यादव लगाते रहे लेकिन उन्हें सफलता तब भी नहीं मिली थी लेकिन पप्पू यादव कहां हार मानने वाले थे कोशिश करते रहे. एक वक्त तो ऐसा आया जब उन्होंने अपने प्यार को पाने के लिए आत्महत्या करने की भी कोशिश की थी. आखिरकार पप्‍पू यादव के प्‍यार को मुकाम फरवरी 1994 में मिला, जब शादी करने के लिए दुल्‍हिनया रंजीत कौर हेलीकॉप्‍टर से पहुंचीं थी लेकिन अर्चन तब भी आई थी जब हेलीकॉप्‍टर रास्ता ही भटक गया था. 

फोटो देखर हुआ था पहली नजर का प्यार 

ये वक्त था साल 1991 का जब पप्पू यादव एक मामले में पटना की जेल में बंद थे. जेल में रहने के दौरान वो अक्सर जेल सुपरिटेडेंट के आवास से सटे मैदान में खेलते हुए लड़कों को देखते थे. जिससे उनकी दोस्ती विक्‍की नाम के एक लड़के से हो गई जो यहां खेलने आता था. एक दिन विक्‍की पप्पू यादव को दिखाने के लिए फैमिली एलबम ले आया और उन्हें दिखाने लगा इसी अल्बम में उनकी नजर टेनिस खेलती रंजीत पर पड़ी जिसे देखते ही उन्हें पहली नजर का प्यार हो गया बिना मिले हुए ही फिर क्या था जेल से छूटते ही पप्पू अक्सर उन्हें देखने के लिए वहां पहुंच जाते थे जहां रंजीत टेनिस खेलतीं थीं. पप्‍पू ने पहली बार रंजीत को पटना क्‍लब में देखा था.

तीन साल तक फॉलो करते रहे रंजीत को 

मिलने का ये सिलसिला फिर शुरू हो गया पप्‍पू अक्सर रंजीत से मिलने और इंप्रेस करने के मौके तलाशने लगे, लेकिन रंजीत को यह पसंद ही नहीं था. आपको जान कर हैरानी होगी कि 2 साल तक तो रंजीत को पता ही नहीं चला कि पप्पू उनको फॉलो कर रहे हैं. जब उन्हें इस बात का पता चला तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया. पप्पू उन्हें मानने की कोशिश करते रहे लेकिन रंजीत की बेरूखी कम होने का नाम ही नहीं ले रही थीं. पप्पू भी अपनी कोशिश छोड़ने को तैयार नहीं थे. रंजीत ने पटना के मगध महिला महाविद्यालय से पढ़ाई की थी. इसके बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए पंजाब विश्‍वविद्यालय चली गई जहां वो टेनिस की प्रैक्टिस करने लगीं. रंजीत नेशनल व इंटरनेशनल टेनिस खेलतीं थी, उनके पिता सेना से रिटायर होने के बाद गुरुद्वारे में ग्रंथी बन गए थे. 

हताश हो कर पप्पू ने खा ली थी नींद की गोलियां 

पप्पू की इतनी कोशिशों के बाद भी जब रंजीत नहीं मानी तो पप्पू हताश हो गए और उन्होंने ठेर सारी नींद की गोलियां खा लीं. हालत बिगड़ने के बाद उन्हें  पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्‍पताल में भर्ती कराया गया. जब इस घटना के बारे में रंजीत को पता चला तो उनका व्यवहार पप्पू के प्रति नरम होने लग गया और दोनों का प्यार परवान चढ़ गया. आखिरकार पप्पू यादव को उनका प्यार मिल ही गया लेकिन अब उनकी मुसीबतें और बढ़ गई.

कांग्रेस नेता ने मनाया था रंजीत के परिवार को 

जब बात परिवार तक पहुंची तो रंजीत के माता-पिता इस शादी के लिए राजी नहीं थे वो इसके खिलाफ थे, दूसरी तरफ पप्पू यादव ने अपने माता पिता को इस शादी के लिए मना लिया था. जब रंजीत के माता पिता नहीं माने तो पप्पू रंजीत के बहन-बहनोई को मनाने के लिए चंडीगढ़ पहुंच गए की शायद बात बन जाए, लेकिन वो लोग नहीं माने. धर्म बीच में आ रहा था रंजीत एक सिख परिवार से थी और पप्पू यादव हिन्दू थे. लेकिन इस प्यार कहानी में नया मोड़ तब आया जब पप्‍पू को ये पता चला कि कांग्रेस नेता एसएस अहलूवालिया की बात रंजीत का परिवार मानता है उसे नहीं टाल सकता है. फिर क्‍या था, पप्पू ने दिल्ली जाने का फैसला किया और जाकर अहलूवालिया से मदद की गुहार लगाई. तब उन्होंने दोनों की मदद की जिसके बाद दोनों के परिवार वाले शादी के लिए मान गए. 

चार्टर्ड विमान भटक गई थी रास्ता  

देानों की शादी पूर्णिया के गुरुद्वारे में होनी तय की गई लेकिन पप्पू की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी शादी के लिए दुल्‍हन रंजीत और उनके परिवार को लेकर चार्टर्ड विमान से आ रही थी लेकिन विमान रास्ते में ही भटक गया था. जिसके बाद बहुत हंगामा हुआ. अंतत: विमान बिहार आ ही गया तब जाकर पप्पू ने राहत की सांस ली थी. जिसके बाद दोनों की शादी संपन्न हुई. लालू यादव भी खुद इस शादी में शामिल हुए थे . 

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बिहार की पहली जोड़ी जिसे एक साथ संसद में मिला था प्रवेश 

शादी के बाद पप्पू के राजनीतिक करियर में भी उछाल आया पप्‍पू और रंजीत रंजन बिहार की पहली ऐसी जोड़ी है, जिसने एक साथ संसद में प्रवेश मिला है. आज पप्पू यादव जन अधिकार पार्टी के अध्‍यक्ष हैं तो उनकी पत्नी रंजीता रंजन सुपौल से कांग्रेस की पूर्व सांसद हैं. राजनीती जगत में रंजीत रंजन एक दमदार राजनेता हैं.