स्वास्थ्य व्यवस्था की खुली पोल, ठेले पर ही मरीज का हुआ चेकउप और वहीं तोड़ दिया दम

महनार के देशराजपुर निवासी अरुण पासवान की तबियत अचानक बिगड़ गई जिसे गंभीर अवस्था में परिजन उसे ठेले पर लेकर महनार पीएचसी पहुंचे और हैरानी की बात है कि ठेले पर ही महनार पीएचसी के डॉक्टर ने उसका ईलाज भी किया और ठेले पर ही उसकी मौत हो गई .

महनार के देशराजपुर निवासी अरुण पासवान की तबियत अचानक बिगड़ गई जिसे गंभीर अवस्था में परिजन उसे ठेले पर लेकर महनार पीएचसी पहुंचे और हैरानी की बात है कि ठेले पर ही महनार पीएचसी के डॉक्टर ने उसका ईलाज भी किया और ठेले पर ही उसकी मौत हो गई .

author-image
Rashmi Rani
New Update
vaisahl i

ठेले पर ही मरीज का हुआ चेकउप ( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)

बिहार में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की एक और तस्वीर वैशाली के महनार से सामने आई है. जहां एक व्यक्ति को ईलाज के लिए परिजन ठेले पर लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. ठेले पर मरीज को अस्पताल लेकर आने की बात तो समझ में आती है लेकिन उसके बाद जो हुआ वह हैरान कर देने वाला है. बताया जा रहा है कि महनार के देशराजपुर निवासी अरुण पासवान की तबियत अचानक बिगड़ गई जिसे गंभीर अवस्था में परिजन उसे ठेले पर लेकर महनार पीएचसी पहुंचे और हैरानी की बात है कि ठेले पर ही महनार पीएचसी के डॉक्टर ने उसका ईलाज भी किया और ठेले पर ही उसकी मौत हो गई जिसके बाद परिजन उसके शव को ठेले पर ही लेकर घर चले गए . 

Advertisment

ऐसे में बड़ा सवाल यह है की क्या मरीज को अस्पताल के अंदर नहीं ले जाना चाहिए था, क्या मरने के बाद अस्पताल प्रशासन को एम्बुलेंस से शव नहीं भेजना चाहिए था. सवाल तो कई हैं लेकिन जवाब हर बार की तरह एक ही आता है कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि ये पहली बार नहीं था बार बार अस्पताल के बदहाली की तस्वीर सामने आती है लेकिन ना तो अस्पताल की व्यवस्था सुधर रही है और ना अस्पताल कर्मियों और चिकित्सकों का रवैया. 

यह भी पढ़ें : अपराधियों को पकड़ने की बजाय लोगों का मुंह सूंघकर पुलिस भेज रही जेल: सुशील मोदी

इस मामले में मृतक के परिजन टुनटुन पासवान ने बताया कि मारिज को ठेले पर लेकर के आए थे ठेले पर ही डॉक्टर ने उसका चेकउप किया था. मौत के बाद शव को ले जाने के लिए एम्बुलेंस की मांग की गई लेकिन दो एम्बुलेंस होने के बावजूद एम्बुलेंस नहीं दिया गया. जिसके बाद हम शव को ठेले पर ही लेकर गए . वहीं,  इस मामले में फोन लाइन पर महनार समुदायिक केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सीताराम सिंह ने बताया कि उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है. लेकिन उन्हें इतना मालूम है कि मरीज गेट तक ही आया था अगर वो अंदर आता तो उसे एडमिट किया जाता मगर ऐसा नहीं हुआ है. वहीं, उन्होंने ये भी कहा कि महनार स्वास्थ्य केंद्र में शव वाहन नहीं है ऐसे में उन्हें शव वाहन के लिए जिला में संपर्क करना चाहिए था. जरा सोचिए जिसके घर का कोई सदस्य गुजर गया हो वह शव वाहन और एंबुलेंस के लिए महनार से 35 किलोमीटर दूर हाजीपुर में संपर्क करेगा या फिर किसी तरह शव को लेकर अंतिम संस्कार के लिए घर जाएगा. 

रिपोर्ट - दिवेश कुमार 

HIGHLIGHTS

  • मरीज को ईलाज के लिए परिजन ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचे
  • ठेले पर ही डॉक्टर ने भी मरीज का किया ईलाज 
  • ठेले पर ही मरीज की हो गई मौत 

Source : News State Bihar Jharkhand

Bihar News Vaishali News Vaishali Police Vaishali Crime news PHC Vaishali Community Health Center
      
Advertisment