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NDA में LJP के बने रहने का फैसला केवल BJP ही कर सकती है : नीतीश कुमार

आप ऐसा सुझाव दे सकते हैं. उन्होंने कहा यह तो भाजपा को निर्णय लेना है. मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है. मुख्यमंत्री पद को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, राजग की बैठक होगी तो उसमें ही तय हो जाएगा, इसमें हम लोगों को क्या कहना है और इसक

Updated on: 12 Nov 2020, 11:34 PM

पटना:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में बने रहने के बारे में केवल भाजपा ही फैसला कर सकती है. लोक जनशक्ति पार्टी ने इस बार राजग से अलग होकर अकेले बिहार चुनाव लड़ा था और अनेक सीटों पर इसके कारण जदयू को नुकसान उठाना पड़ा . कुमार ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राजग को बहुमत प्राप्त हुआ है और शुक्रवार को राजग की बैठक होगी तथा औपचारिक तौर पर गठबंधन के नेता की घोषणा होगी . चुनाव में राजग की जीत के बाद नीतीश कुमार ने पहली बार संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘शपथग्रहण समारोह की तारीख अभी तय नहीं की गई है. कल (शुक्रवार) को चारों घटक दलों की बैठक में चर्चा कर सभी चीजें तय की जाएंगी.’

यह पूछे जाने पर कि क्या आप केंद्र में राजग से लोजपा को हटाने के लिए भाजपा से कहेंगे, कुमार ने कहा, ‘आप ऐसा सुझाव दे सकते हैं. उन्होंने कहा यह तो भाजपा को निर्णय लेना है. मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है. मुख्यमंत्री पद को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, राजग की बैठक होगी तो उसमें ही तय हो जाएगा, इसमें हम लोगों को क्या कहना है और इसके बाद औपचारिक घोषणा हो जाएगी.’ गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को 43 सीट प्राप्त हुई हैं, जबकि 2015 के चुनाव में उनकी पार्टी को 71 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. इस चुनाव में भाजपा को 74 सीट मिली हैं.

सरकार के कार्यक्रम के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब सरकार बनती है तब आगे का कार्यक्रम तय होता है. राजग की बैठक के बाद आपस में बातचीत करके ही एक-एक चीज तय की जाएगी कि क्या करना है. मंत्रियों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों में इसकी सीमा पहले से ही निर्धारित है. अब कितने मंत्री पहले दौर में और उसके बाद बनते हैं, यह तो बाद की चीज है. उन्होंने कहा, ‘राजग के पास पर्याप्त बहुमत है. सरकार चलाने में कोई दिक्कत नहीं है. बिहार के लोगों ने हम लोगों को काम करने का मौका दिया है.’ नीतीश ने कहा, ‘हमने कभी भी अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता के साथ समझौता नहीं किया. इसमें कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है. मेरे पदभार संभालने के बाद कोई दंगा नहीं हुआ है.’

उन्होंने कहा, 'हम लोगों ने समाज के सभी वर्गों के लिए काम किया और उसके बाद भी कोई भ्रम पैदा करता है और लोग भ्रमित होते हैं तो यह उनका अधिकार है.’ लोजपा के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘हमने अब तक सेवा की है और इसके बावजूद कोई गलतफहमी समाज में पैदा होती है तो हम लोग क्या कर सकते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हम राजग के साथ हैं और जनता के बीच काम करेंगे. राजग कोई फैसला लेता है तो उसके साथ चलेंगे और मिलकर काम करेंगे.’ वोटों की गिनती में हेराफेरी के बारे में तेजस्वी यादव सहित कुछ विपक्षी नेताओं के आरोपों के बारे में उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार किया. उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसी बातों पर क्या कह सकता हूं.’

यह पूछे जाने पर कि 2015 की जीत बड़ी थी या 2020 की, नीतीश ने कहा, ‘जनता मालिक है. मैंने व्यक्तिगत रूप से कभी कोई दावा नहीं किया. मेरी कोई व्यक्तिगत पसंद नहीं है लेकिन काम करना होगा तब उसी मेहनत के साथ करेंगे.’ उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान राज्य में अपराध पर नियंत्रण, प्रदेश के विकास और कोरोना महामारी के समय प्रदेश में सरकार की ओर से किए गए कल्याण कार्यों का जिक्र किया. चुनाव प्रचार के दौरान ‘अंतिम चुनाव’ संबंधी अपनी टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि वह अंतिम चुनावी सभा में ऐसा कहते हैं कि अंत भला तो सब भला. तेजस्वी यादव के नौकरी के वादे के परोक्ष संदर्भ में उन्होंने कहा कि जो चीज हो नहीं सकती, उसके बारे में ही कुछ लोग बोलते रहे.

बिहार विधानसभा चुनाव में बेहद रोमांचक मुकाबले में विपक्ष की कड़ी चुनौती को पार करते हुए नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने 243 सीटों में से 125 सीटों पर कब्जा कर बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल कर लिया जबकि महागठबंधन के खाते में 110 सीटें आईं. भाजपा की 74 और जदयू की 43 सीटों के अलावा सत्तारूढ़ गठबंधन साझेदारों में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को चार और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को चार सीट मिलीं. वहीं, विपक्षी महागठबंधन में राजद को 75, कांग्रेस को 19, भाकपा माले को 12 और भाकपा एवं माकपा को दो-दो सीटों पर जीत मिली. राजग से अलग होकर अकेले चुनाव मैदान में उतरी चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी एक सीट पर ही जीत हासिल कर सकी है.