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प्रो. चंद्रशेखर, शिक्षा मंत्री, बिहार( Photo Credit : न्यूज स्टेट बिहार झारखंड)
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उन्होंने बिहार सरकार के इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि पहले मंत्रियों के निजी सचिवों के दायरों की जानकारी स्पष्ट नहीं थी लेकिन बिहार सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी किए जाने के बाद सब स्पष्ट हो चुका है.
प्रो. चंद्रशेखर, शिक्षा मंत्री, बिहार( Photo Credit : न्यूज स्टेट बिहार झारखंड)
बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर और विभाग के ACS IAS KK पाठक के बीच तनातनी को देखते हुए बिहार सरकार ने अपने मंत्रियों के निजी सचिवों (बाह्य) के अधिकारों को कम कर दिया है. अब इस मुद्दे पर शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने बिहार सरकार के इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि पहले मंत्रियों के निजी सचिवों के दायरों की जानकारी स्पष्ट नहीं थी लेकिन बिहार सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी किए जाने के बाद सब स्पष्ट हो चुका है. वहीं के.के. पाठ के साथ अपने विवादों से जुड़े सवाल पर चंद्रशेखर ने कहा कि लोग समझने के लिए कुछ भी समझ सकते हैं. लेकिन सरकार ने दोनों सचिवों का कार्य परिभाषित किया है. इसमें विवाद जैसी कोई बात ही नहीं है.
बता दें कि चंद्रशेखर सुपौल में व्यापार संघ भवन में राजद के पूर्व जिला अध्यक्ष विजय कुमार यादव की अध्यक्षता में आयोजित जन चेतना कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. इस मौके पर उन्होंने केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि संप्रदायवाद और नफरतवाद किसी भी देश के लिए हित में नहीं होता है. देश में यदि धार्मिक उन्माद पैदा किया जाएगा तो इससे नुकसान देश को ही होगा. उन्होंने आगे कहा कि आरजेडी समाजवाद का पक्षधर रहा है और डॉ. लोहिया तथा डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाने का काम करता रहता है और इसी तरह के आयोजन करता है.
बता दें कि शिक्षा विभाग के ACS IAS KK Pathka को लेकर हुए विवाद के कारण बिहार की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब सरकार द्वारा मंत्रियों के निजी पीए के अधिकारों को कम कर दिया गया है. सरकार द्वारा स्पष्ट निर्देश जारी किआ गया है कि राज्य के किसी भी मंत्री का पीए अब सरकारी कामकाज में किसी भी प्रकार से दखलंदाजी नहीं कर सकेगा. केवल सरकार के द्वारा नियुक्त किए गए आप्त सचिव ही अब मंत्री के कार्यों से जुड़े पत्राचार कर पाएंगे. बिहार सरकार ने अब मंत्रियों के प्राइवेट पीए के पर कतर दिए हैं। बिहार सरकार द्वारा बकायदा नोटिफिकेशन जारी करके उक्त निर्देश दिए हैं और राज्य के सभी मंत्री के प्राइवेट आप्त सचिव के कामकाज में कटौती कर दी है. यानि कि बिहार में अब किसी भी मंत्री का पीएम किसी भी सरकारी कामकाज से जुड़ा पत्राचार नहीं कर सकेगा. बिहार सरकार के मुख्य सचिव अमित सुहानी ने सभी विभागों को पत्र लिखकर इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं.
बिहार सरकार के मुख्य सचिव अमीर सुबहानी ने कहा कि आप्त सचिव किसी विभागीय अधिकारी के साथ विभागीय कार्य से संबंधित अपने स्तर पर मौखिक विमर्श, समीक्षा, दिशा निर्देश अथवा लिखित पत्राचार अब नहीं कर सकेंगे. पत्र लिखा है कि मंत्री के आप्त सचिव सरकारी एवं आप्त सचिव वाह्य के कार्यों के आवंटन से संबंधित स्पष्ट आदेश निर्गत नहीं हैं। बता दें कि सरकारी आप्त सचिव प्रशासनिक सेवाओं के नियुक्त पदाधिकारी होते हैं। उन्हें सरकारी नियमों, प्रक्रियाओं के बारे में पूरी जानकारी होती है और इसलिए ही यह निर्णय लिया गया है कि मंत्री के आप्त सचिव सरकारी के द्वारा सरकारी संचिकाओं से संबंधी कार्य, अब मंत्री के निर्देश पर सरकार के पदाधिकारियों से पत्राचार संबंधी कार्य व मंत्री द्वारा सौंपे गये दूसरे अन्य काम करेंगे.
बता दें कि बीते दिनों बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर के आप्त सचिव (बाह्य) और शिक्षा विभाग के एसीएस IAS KK Pathak के बीच पीत पत्र लिखे जाने के कारण जमकर विवाद हुआ था. दरअसल, चंद्रशेखर के नीजी सचवि कृष्ण नंदन यादव द्वारा ने शिक्षा अपर मुख्य सचिव को पीत पत्र लिख दिया था. जवाब में शिक्षा विभाग द्वारा उनके शिक्षा विभाग में घुसने पर रोक लगा दी गई थी साथ ही शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों को उनके पत्रों का जवाब ना देने का भी निर्देश दिया गया था.
मामला सीएम नीतीश के पास पहुंचा और CM ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए IAS KK Pathak और शिक्षा मंत्री दोनों से वार्तालाप कर मामले को शांत करवाया. उसके बाद कई दिनों तक शिक्षा मंत्री ना तो अपने कार्यालय गए और ना ही IAS KK Pathak से कोई बातचीत की. वैसे तो विवाद अभी भी दोनों के बीच नहीं थमा है और मौजूदा समय में भी शिक्षा मंत्री व IAS KK Pathak के बीच बातचीत नहीं होती.
HIGHLIGHTS
Source : News State Bihar Jharkhand