बांका में बिहार सरकार की सात निश्चय योजना पर प्रशासनिक अधिकारी ही पलीता लगा रहे हैं. एक तरफ बिहार सरकार ने ग्रामीणों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने में सारी ताकत झोंक दी, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही ने सरकार की तमाम योजनाओं को मजाक बनाकर रख दिया है. जिसके चलते ग्रामीणों के सामने जल संकट खड़ा हो गया है. बांका के कटोरिया नगर पंचायत में बूंद-बूंद पानी के लिए लोग जद्दोजहद कर रहे हैं. विभाग कुंभकरण नींद से उठने का नाम नहीं ले रहा और लोग पीने के पानी के लिए भी परेशान हो रहे हैं.
पानी खरीजने को मजबूर लोग
सात निश्चय योजना के तहत नगर पंचायत के तमाम घरों में कनेक्शन तो लगाया गया, लेकिन कई लोगों ने जगह-जगह मोटर लगा दिए हैं. जिसके चलते मोटर वाले घरों में पानी चला जाता है और बाकी लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है. आलम ये है कि लोग खरीदकर पानी पीने को मजबूर हो गए हैं. ग्रामीणों ने सरकार और अधिकारी से अपील की है कि सभी मोटर लगाने वालों के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाकर सबका कनेक्शन दरवाजे पर कर दिया जाए ताकि लोगों को समान रूप से पानी मिल सके.
विभाग की लापरवाही
वहीं, RJD के प्रखंड अध्यक्ष मीर अख्तर अली का कहना है कि विभाग की लापरवाही ही जल संकट का कारण है. क्योंकि इलाके में इतना मोटर लगाया जा चुका है कि गलियों तक पानी पहुंच ही नहीं पाता और विभाग से इसकी शिकायत की जाती है तो अधिकारी कार्रवाई के बजाय सलाह देते हैं कि आप भी मोटर लगा लीजिए.
अधिकारियों के बेतुके जबाव
यहां विभाग की अनदेखी का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि जब समस्या को लेकर आला अधिकारियों से फोन पर बात की गई तो अधिकारी का जवाब था कि इसमें विभाग क्या कर सकता है. विभाग के पास कोई साधन नहीं है. सोचिए अगर अधिकारी ही इस तरह जवाब देंगे तो ग्रामीण कहां जाएंगे. जरूरत है कि ग्रामीणों की समस्या को गंभीरता से लिया जाए ताकि पानी को लेकर यूं हाहाकार ना मचे.
रिपोर्ट : बीरेंद्र
HIGHLIGHTS
- सात निश्चय योजना पर कौन लगा रहा पलीता?
- कनेक्शन तो लगा... पानी नहीं आया
- मोटर लगाने से लोगों को नहीं मिल रहा पानी
Source : News State Bihar Jharkhand