पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) के नर्सिग स्टाफ ने 5 अप्रैल तक छुट्टियां रद्द किए जाने को लेकर रविवार से आंदोलन शुरू कर दिया है. अधिकारियों द्वारा कोविड-19 के बढ़ते मामले देख साप्ताहिक छुट्टियां, त्यौहारी छुट्टियां (होली) आदि रद्द किए जाने से विशेषकर महिला स्टाफ खासी नाराज हैं. पीएमसीएच में चिकित्सा अधीक्षक के कार्यालय के अंदर नर्सिग स्टाफ के कर्मचारी धरने पर बैठ गए और मांग की कि यह आदेश वापस लिए जाएं. उन्होंने तर्क दिया कि बिहार में होली का त्यौहार सबसे अहम त्यौहारों में से एक है. धरने पर बैठीं नर्सो ने बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी भी की.
एक महिला नर्स ने नाम न बताते हुए कहा, "हमने शनिवार को चिकित्सा अधीक्षक और पीएमसीएच के डीन को पत्र लिखा था, लेकिन उन्होंने हमारी मांग नहीं मानी." स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के अनुसार डॉक्टर, जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, डायरेक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, जेएनएम और एएनएम कर्मचारी 5 अप्रैल तक छुट्टी नहीं लेंगे. साथ ही उन अधिकारी-कर्मचारियों को भी तत्काल अपनी संबंधित अस्पताल या मेडिकल कॉलेज जॉइन करने के लिए कहा है जो छुट्टियों पर हैं.
नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे बिहार में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की यात्रा की पूरी जानकारी लें. चूंकि 29 मार्च को होली है, इसके चलते बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर घर लौट रहे हैं. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड, हवाईअड्डों आदि पर चेकिंग तेज करने और लोगों को कोविड-19 के प्रकोप की दूसरी लहर के बारे में जागरूक करने के लिए कहा है.
पटना में सिविल सर्जन विभा कुमार सिंह ने कहा, "हमने पटना में 15 माइक्रो कंटेन्मेंट जोन घोषित किए हैं और इन पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. पिछले 24 घंटों में राज्य में 88 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से 41 मामले पटना से हैं. वहीं 2 लोगों की मौत हो गई है. बिहार में अभी 472 सक्रिय मामले हैं."
HIGHLIGHTS
- नर्सिग स्टाफ ने 5 अप्रैल तक छुट्टियां रद्द किए जाने को लेकर रविवार से आंदोलन शुरू कर दिया है
- पीएमसीएच में चिकित्सा अधीक्षक के कार्यालय के अंदर नर्सिग स्टाफ के कर्मचारी धरने पर बैठ गए
- पिछले 24 घंटों में राज्य में 88 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से 41 मामले पटना से हैं