भागलपुर के कहलगांव के एनटीपीसी में हादसा, बिहार में गहरा सकता है बिजली संकट

कोरोना वायरस, बाढ़ के बाद अब बिहार पर एक और संकट मंडरा रहा है. दरअसल, कहलगांव एनटीपीसी की 4 यूनिट से बिजली का उत्पादन ठप हो गया है. बताया जा रहा है कि इस वजह से 2340 मेगावाट के स्थान पर महज 910 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है.

कोरोना वायरस, बाढ़ के बाद अब बिहार पर एक और संकट मंडरा रहा है. दरअसल, कहलगांव एनटीपीसी की 4 यूनिट से बिजली का उत्पादन ठप हो गया है. बताया जा रहा है कि इस वजह से 2340 मेगावाट के स्थान पर महज 910 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है.

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Vineeta Mandal
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Power Crisi

Power Crisis( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

कोरोना वायरस, बाढ़ के बाद अब बिहार पर एक और संकट मंडरा रहा है. दरअसल, कहलगांव एनटीपीसी की 4 यूनिट से बिजली का उत्पादन ठप हो गया है. बताया जा रहा है कि इस वजह से 2340 मेगावाट के स्थान पर महज 910 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है. एनटीपीसी के ऐश डाइक एरिया में बने कमजोर तटबंध की वजह से गुरुवार दोपहर बाद को लैगून नंबर दो में पानी का भारी दबाव आ गया था, जिसके कारण बड़े भू-भाग में धसान हो गया. इसकी वजह से सेनोस्फियर, सीमेंट सहित कई मशीनें उसके आगोश में आ गयीं. फलस्वरूप एनटीपीसी की चार यूनिट में बिजली का उत्पादन ठप हो गया. 

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वहीं एनटीपीसी प्रबंधन टूटे तटबंध और तकनीकी खराबी को लेकर उसे दुरुस्त करने में लगे हैं, लेकिन हालात पर अगर नियंत्रण नहीं किया गया तो आशंका है कि सूबे में बिजली संकट की स्थिति पैदा हो जाएगी.

एनटीपीसी प्रबंधन की ओर से जारी प्रेस रिलीज में प्रिवेंटिव मेजर के रूप में चार यूनिट को बंद किये जाने की बात कही गयी है. ऐश डाइक लैगून नंबर दो को ठीक करने के लिए युद्ध स्तर पर काम किये जाने की बात प्रबंधन की ओर से कही गयी. मामले की जांच के लिए एनटीपीसी प्रबंधन की ओर से एक तकनीकी समिति का भी गठन किया गया है.

एनटीपीसी प्रबंधन की ओर से ध्वस्त हुए तटबंध को दुरुस्त करने का काम युद्धस्तर पर जारी है और प्रबंधन शीघ्र दुरुस्त कर लेने का दावा करते हुए शीघ्र बंद चार यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू करने की बात कह रही है.

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