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LJP Crisis: BJP की खामोशी पर बोले चिराग- हनुमान का वध होने पर भी यदि राम चुप रहे तो...

अपनी पार्टी लोजपा को बचाने के लिए चिराग पासवान ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी से मुलाकात साधने की कोशिश की.  इस दौरान जमुई से सांसद चिराग ने कहा कि हनुमान का वध होने पर भी यदि राम चुप रहे तो ये ठीक नहीं है.   

Updated on: 24 Jun 2021, 10:23 AM

नई दिल्ली:

बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के बीच सियासी संग्राम जारी है. चाचा-भतीजे की लड़ाई इन दिनों खबरों की सुर्खियों में बना हुआ है. हर किसी की नजर चिराग पासवान और पशुपति पारस पर टिकी हुई है. लोजपा की स्थापना दिवंगत नेता रामविलास पासवान ने की थी, उनके जाने के बाद इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह बेटे चिराग पर आ गई. लेकिन रामविलास पासवान के निधन के कुछ महीने बाद ही परिवार और पार्टी दोनों ही दो फाड़ में बंट गई. राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि चिराग पासवान अपने पिता की विरासत को ठीक से संभाल नहीं पाए. उन्होंने कई ऐसी गलतियां की, जिसका अंजाम अब उन्हें भुगतना पड़ रहा है. 

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वहीं अपनी पार्टी लोजपा को बचाने के लिए चिराग पासवान ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी से मुलाकात साधने की कोशिश की.  इस दौरान जमुई से सांसद चिराग ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि हनुमान का वध होने पर भी यदि राम चुप रहे तो ये ठीक नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि सतयुग के समय से लेकर आज तक रामायण में देख गया है कि हनुमान जी ने हर कदम पर भगवान राम का साथ दिया. बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताया था.

चिराग ने कहा, 'हर कदम पर हनुमान भगवान राम के साथ चले और उसी तरह हर कदम पर उनकी पार्टी लोजपा हर छोटे-बड़े फैसले पर नरेंद्र मोदी जी के साथ खड़ी रही है. हर फैसले पर भाजपा के साथ मजबूती से खड़े रहने वाले हनुमान की लोजपा पर जब आज संकट की घड़ी आई है तो उम्मीद थी कि राम हस्तक्षेप करेंगे और किसी तरह इस विवाद को सुलझाने की कोशिश करेंगे. लेकिन बीजेपी की चुप्पी ने मुझे दुखी जरूर किया है, फिर भी मैं कहूंगा कि मुझे पीएम पर पूरा भरोसा है कि वे स्थिति को नियंत्रण में लेकर इस राजनीतिक मुद्दे को सुलझाने के लिए हस्तक्षेप जरूर करेंगे.'

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लोजपा युवा नेता चिराग पासवान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भाजपा हस्तक्षेप करेगी और लोजपा पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ जारी संग्राम को सुलझाएगी. रविवार को सूत्रों ने कहा था कि लोजपा नेता ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पार्टी के चुनाव चिह्न पर अधिकार मांगा है. यह कदम तब उठाया गया जब पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाले लोजपा गुट ने राष्ट्रीय, राज्य कार्यकारिणी और विभिन्न प्रकोष्ठों की समितियों को भंग कर दिया था.

बता दें कि लोजपा में दो फाड़ होने के बाद पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने मंगलवार को खुला पत्र लिखकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर भड़ास निकाली है. उन्होंने अपने पत्र में कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान ने कभी भी नीतीश कुमार से समझौता नहीं किया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश ने रामविलास पासवान को अपमानित करने और राजनीतिक तौर पर समाप्त करने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ा.

 लोजपा विवाद पर तेजस्वी यादव ने कहीं ये बात

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव लंबे समय के बाद बुधवार को दिल्ली से बिहार लौटे हैं. बिहार लौटते ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बेरोजगारी को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि वे बिहार को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं. लोजपा में टूट के लिए जदयू को जिम्मेदार बताते हुए तेजस्वी ने कहा कि लोजपा के नेता चिराग पासवान को किसके साथ रहना है, यह उन्हें तय करना है.

उन्होंने कहा कि लोजपा को जदयू ने बराबर तोड़ने की कोशिश करती रही है. चिराग पासवान के महागठबंधन में आने से संबंधित एक प्रश्न पर तेजस्वी ने कहा कि चिराग पासवान को तय करना है कि वे किसके साथ रहेंगे. वे आरएसएस के साथ रहेंगे या संविधान के साथ, यह उनको तय करना है.