बिहार की बाढ़ में इंसान ही नहीं जानवर भी हैं बेहाल, 9 हिरणों की हुई मौत
दरअसल नेपाल से सटे सीमावर्ती जिले में बीते कई दिनों से लगातार हो रही बारिश में वाल्मीकी नगर टाईगर रिजर्व के जंगलों से गंडक नदी और बाढ़ के पानी में बह कर पिछले कई दिनों से हिरणों के आने का सिलसिला जारी है.
पटना:
बिहार के कई हस्सों में भारी बाढ़ के चलते जन-जीवन अस्त-व्यस्त है. पूर्वी चम्पारण में लगातार हो रही भारी बारिश ने जानवरों के लिए कहर बरपा रखा है. दरअसल नेपाल से सटे सीमावर्ती जिले में बीते कई दिनों से लगातार हो रही बारिश में वाल्मीकी नगर टाईगर रिजर्व के जंगलों से गंडक नदी और बाढ़ के पानी में बह कर पिछले कई दिनों से हिरणों के आने का सिलसिला जारी है.
भटक कर रिहायशी इलाकों में पहुंचे हिरण
अब तक वन विभाग और ग्रामीणों के सहयोग से 74 हिरणों को अरेराज,डुमरियाघाट और कल्याणपुर सुमवती नदी के आसपास के गांवों से बरामद किया जा चुका है. वन जीवों के प्रति लोगों की बढे सहानुभूति के कारण ही ग्रामीण लगातार वन विभाग के अधिकारियों को हिरण के आने की सूचना दे रहे है. वन विभाग भी हिरण की सूचना मिलते ही त्वरित गति से टीम का गठन कर कार्रवाई कर रही है. चकिया और अरेराज रेंज के सहयोग से 74 हिरण को बरामद कर लिया गया.
9 हिरणों की हुई मौत
इसका दुखद पहलू ये है कि नौ हिरणों की मौत गम्भीर रुप से जख्मी होने के कारण हो गयी है. इनमें से कुछ ने बाढ़ का पानी ज्यादा पी लिया और कुछ ने इलाज के दौरान तो कुछ जंगल में छोड़ने के दौरान दम तोड़ गए. इधर डीएफओ प्रभाकर झा ने बताया कि जैसे-जैसे हिरण मिल रहे हैं. वैसे-वैसे इन्हें उदयपुर जंगल में सही सलामत छोड़ा जा रहा है. हालांकि मृत हिरणों का पोस्टमार्टम करने के बाद ही उन्हें दफनाया जा रहा है.
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