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सुरक्षा की मांग को लेकर NMCH के डॉक्टर हड़ताल पर, मरीज के परिजनों पर डॉक्टरों से हाथापाई का आरोप

बिहार में एक ओर कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं वहीं राज्य की राजधानी पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) के जूनियर डॉक्टरों सुरक्षा की मांग को लेकर काम बंद कर दिया है.

Updated on: 23 Apr 2021, 08:20 PM

highlights

  • एनएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों सुरक्षा की मांग को लेकर काम बंद कर दिया है
  • जूनियर डॉक्टरों के काम बंद कर दिए जाने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है
  • मामला मरीज की मौत के बाद हंगामें से जुड़ा है

पटना :

बिहार में एक ओर कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं वहीं राज्य की राजधानी पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) के जूनियर डॉक्टरों सुरक्षा की मांग को लेकर काम बंद कर दिया है. जूनियर डॉक्टरों के काम बंद कर दिए जाने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है. दरअसल, मामला मरीज की मौत के बाद हंगामें से जुड़ा है. जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि गुरुवार की रात एम मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा और डॉक्टरों से हाथापाई भी की. उस समय भी जूनियर डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया था, लेकिन बाद में अधीक्षक के आश्वासन के बाद वे काम पर लौट आए.

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इस बीच शुक्रवार की सुबह एक मरीज के परिजनों ने फिर से जूनियर डॉक्टरों से बदसलूकी कर दी. इस घटना के बाद फिर से जूनियर डॉक्टर काम बंदकर हड़ताल पर चले गए. नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोविड डेडिकेटेड अस्पताल है. एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह कहते हैं कि सुरक्षा की शर्त पर हम कैसे काम कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम ऐसी हालत में अपने डॉक्टरों से काम नहीं ले सकते हैं, क्योंकि डॉक्टर ड्यूटी करें या मार खाएं, अब अस्पताल चलाना संभव नहीं है.

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उन्होंने कहा, "24 घंटे के अंदर ऐसी दो-दो घटनाएं हो जाना ये बात सही नहीं है. मैं भी किस मुंह से डॉक्टरों को काम पर लौटने को कहूं . हमने जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर अस्पताल में हर शिफ्ट में 20 पुलिस जवानों की तैनाती की मांग की थी, लेकिन इस ओर कोई सुनवाई नहीं की गई." एनएमसीएच के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामचन्द्र ने चेतावनी दी है कि जब तक अस्पताल में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती नहीं होती है, तब तक हड़ताल जारी रहेगी.

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बिहार के लिए प्रतिदिन 194 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का कोटा निर्धारित

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और सांसद सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद बिहार के लिए प्रतिदिन 194 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति का कोटा निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि एक- दो दिनों के अंदर बिहार के लिए निर्धारित रेमडेसिविर के 24,500 वायल की 5 निर्माता कम्पनियों की ओर से आपूर्ति भी शुरू हो जाएगी.

भाजपा नेता मोदी ने कहा, निर्धारित कोटा के तहत 7 स्थानों झारखंड के बोकारो से 70 और जमशेदपुर से 50 मीट्रिक टन, पश्चिम बंगाल के दुगार्पुर और बर्नपुर से 40 मीट्रिक टन तथा बिहार के अपने संसाधनों से 34 मीट्रिक टन की प्रतिदिन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति होगी. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही भारत सरकार ने देश के जिन 19 राज्यों के लिए 6,722 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन किया है, उसमें अब बिहार को भी शामिल कर लिया गया है.