जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज से अपनी जल-जीवन-हरियाली यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री इस यात्रा के दौरान जहां मतदाताओं के मूड भांपेंगे, वहीं कई विकास योजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन भी करेंगे. नीतीश कुमार अपनी प्रत्येक यात्रा की तरह इस यात्रा की शुरुआत भी चंपारण की धरती से कर रहे हैं. एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री मंगलवार को पश्चिम चंपारण जिले के बगहा से इस यात्रा की शुरुआत करेंगे, जहां वह चंपापुर में जागरूकता सम्मेलन को संबोधित करेंगे.
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जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि इस यात्रा के क्रम में लोगों को जल और हरियाली के विषय में जागरूक किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार में पहले 15 फीसदी जमीन पर हरियाली, पेड़-पौधे हैं, लेकिन अब इसे अगले कुछ सालों में 17 प्रतिशत करने की योजना है. उन्होंने कहा कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री यात्राओं पर निकलते रहे हैं. इस दौरान उनका जुड़ाव सीधे जनता से होता है. वह जनता से मिले सुझावों को लागू भी करते हैं. इस यात्रा को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. इससे पहले नीतीश कुमार न्याय यात्रा, विकास यात्रा, धन्यवाद यात्रा, प्रवास यात्रा, विश्वास यात्रा, सेवा यात्रा, अधिकार यात्रा, संकल्प यात्रा, संपर्क यात्रा, निश्चय यात्रा, समीक्षा यात्रा कर चुके हैं.
उधर, विपक्ष नीतीश की इस यात्रा को लेकर निशाना साध रहा है. राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपनी पुरानी यात्राओं के किए गए वादों का हिसाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार को रोजगार और व्यवसाय की जरूरत है. इस यात्रा को लेकर विपक्ष ने मुख्यमंत्री पर सरकारी पैसे का दुरुपयोग का भी आरोप लगाया है.
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इस बीच सबसे अहम बात यह भी है कि महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद बिहार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सहयोगी दल असमंजस में पड़े हैं. अभी बिहार के अंदर वर्तमान में जदयू और बीजेपी गठबंधन की सरकार है, मगर जदयू इस बात को लेकर चिंतिंत है कि कहीं बीजेपी महाराष्ट्र की तरह यहां भी कुर्सी की लड़ाई न लड़ने लगे. इसी डर को अपना हथियार बनाते हुए विपक्ष भी नीतीश को अपने साथ लाने की कोशिश में हैं. हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता रघुवंश प्रसाद ने इसे लेकर इशारा किया था. उन्होंने कहा था कि अगर नीतीश महागठबंधन में शामिल होते हैं तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.
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