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Bihar विधानसभा में Nitish Kumar ने की गंदी बात! देखते रह गए लोग

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का मंगलवार को दूसरा दिन था. दूसरा दिन भी सदन में काफी हंगामेदार रहा.

Updated on: 07 Nov 2023, 06:14 PM

highlights

  • नीतीश कुमार ने की गंदी बात! 
  • जनसंख्या को लेकर टिप्पणी
  • हैरान रह गए सदन में लोग

Patna:

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का मंगलवार को दूसरा दिन था. दूसरा दिन भी सदन में काफी हंगामेदार रहा. बता दें कि जातीय गणना की रिपोर्ट जारी करने के बाद 7 नवंबर को बिहार सरकार ने आर्थिक आधारित जातीय गणना भी जारी कर दिया है. जिसमें बताया गया कि किस जाती के कितने लोग सरकारी नौकरी कर रहे हैं. अगर सवर्णों की बात करें, तो इनमें सबसे ज्यादा नौकरी कायस्थ जाति के लोगों के पास है. वहीं, दूसरे नंबर पर भूमिहार जाति के लोग हैं. हिंदू और मुस्लिम सवर्णों को मिलाकर बिहार में 7 जाति ऐसे हैं, जिन्हें सवर्णों का दर्जा मिला है. हिंदू में ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत और कायस्थ शामिल है और मुसलमान धर्म के शेख, सैयद और पठान सवर्ण में शामिल हैं.

नीतीश कुमार ने की 'गंदी बात'!

वहीं, इस सदन में बोलते- बोलते सीएम नीतीश ने भरी विधानसभा में गंदी बात कर दी. बोलते बोलते नीतीश शायद यह भी भूल गए कि एक सीएम के मुंह से सदन में ऐसी बात निकलनी भी चाहिए या नहीं. नीतीश ने पढ़ाई को लेकर लड़कियों को आगे बढ़ने और जनसंख्या नियंत्रण को एक साथ जोड़ते हुए कहा कि '18.46 प्रतिशत पूरे राज्य में जो भी है, उसमें 18.46 प्रतिशत था. अब हमने जितना शुरू कराया है पढ़ाई का... अरे 4.3 था.. अरे सुनिए ना.... हम तो शुरू कराए.. अब घट रहा है. धीरे-धीरे हो जाएगा. यही को देखकर हमने तय करवाया. सब परिवार का हो जाएगा, वो जरूरी चीज है. अगर हमने कहा कि अगर लड़की पढ़ लेगी.. जब शादी होगा.. जो पुरुष है वह रोज रात में करता है.. लेकिन जब लड़की पढ़ लेती है तो वह तो रोज करेगा.. लेकिन लड़की कहती है कि बाहर निकालो अंदर नहीं घुसाओ.. '. इतना ही नहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की तरफ देखकर भी इशारा किया कि ये लोग भी 9 लोग हैं.

नीतीश के इस बयान के बाद इससे जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है कि कैसे भरी सभा में सीएम नीतीश ने इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया.

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पिछड़े और अतिपिछड़ों के लिए आरक्षण बढ़ाने की मांग

इतना ही नहीं जातीय जनगणना के आंकड़ों के आधार पर सदन में सीएम ने आरक्षण बढ़ाने की भी मांग कर दी. बता दें कि जातीय गणना की रिपोर्ट सामने आने के बाद से ही बिहार में आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने की मांग की जा रही थी. इस बीच सदन में सीएम ने ही आरक्षण की मांग कर दी. मंगलवार को विधानसभा में जो प्रस्ताव दिए, वह अगर फाइनल हो गया तो बिहार की सरकारी नौकरियों में अनारक्षित वर्गों के लिए महज 25 प्रतिशत ही सीटें बचेंगी. सरकारी नौकरियों में आरक्षण बढ़ाने से अनारक्षित वर्गों को मुश्किल हो सकती है. नीतीश कुमार ने सदन में कहा कि पिछड़े वर्ग और अतिपिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण बढ़ाना चाहिए. मेरा यह कहना है कि जो 50 प्रतिशत आरक्षण है, उसे बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर देना चाहिए.