बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. पीएम मोदी (PM Modi) ने हुनर हाट में लिट्टी चोखा खाकर बिहार चुनाव के संकेत दे दिए हैं. वहीं सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumari) भी चुनाव के मूड में आ गए हैं. विधानसभा चुनाव में मुसलमानों का वोट खिसकने का अंदाजा नीतीश कुमार को लग गया है. इसलिए उन्होंने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR)को लेकर बड़ा बयान दिया है. इस बयान से नीतीश कुमार अल्पसंख्यकों की नाराजगी दूर करना चाहते हैं.
नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि बिहार में एआरसी (NRC) लागू नहीं होगा. इसके साथ ही एनपीआर को लेकर उन्होंने कहा, 'NPR के नए स्वरूप को लेकर कई तरह का कन्फ्यूजन लोगों के दिमाग में है. वैसी परिस्थिति में बेहतर यही होगा कि पुराने मॉडल (2010) पर ही NPR लागू किया जाए.'
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून पर जेडीयू के समर्थन देने से मुसलमान नाराज हैं. जेडीयू के मुसलमान विधायकों ने भी इसकी जानकारी नीतीश कुमार को दे दी है.
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नीतीश कुमार ने किया 80 करोड़ की योजना का शिलान्यास
नीतीश कुमार रविवार को दरभंगा के हायाघाट प्रखंड के चंदनपट्टी स्थित मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विवि (मानू) में सभा को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लगभग 80 करोड़ की योजनाओं का रिमोट कंट्रोल से शिलान्यास किया.
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शिक्षा को आगे बढ़ाने में मौलाना अबुल कलाम आजाद का बड़ा योगदान
मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि देश की आजादी और शिक्षा को आगे बढ़ाने में मौलाना अबुल कलाम आजाद का बहुत बड़ा योगदान है. वे देश के विभाजन के पक्ष में नहीं थे. उन्होंने खासकर मुस्लिम समुदाय के लोगों को प्रेरित किया कि वे देश छोड़कर न जाएं. आज भारत में मुसलमानों की जो इतनी संख्या है वह उन्हीं की देन है। इसलिए हमें बापू की तरह ही मौलाना को भी याद करने की जरूरत है.