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नीतीश कुमार बोले, किसी मजदूर ने दिया है रेल भाड़ा तो सरकार करेगी वापस, साथ में देगी 1000 रुपये

कोरोना लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे मजदूरों की घर वापसी पर रेलवे विभाग द्वारा किराया वसूली को लेकर सियासी हंगामा मचा है.

Updated on: 04 May 2020, 02:09 PM

पटना:

कोरोना लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे मजदूरों की घर वापसी पर रेलवे विभाग द्वारा किराया वसूली को लेकर सियासी हंगामा मचा है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल बार-बार आरोप लगा रहे हैं कि इस मुश्किल घड़ी में प्रवासी मजदूरों से रेलवे किराया ले रहा है. हालांकि इस पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने सफाई दी है.

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प्रवासी मजदूरों और छात्रों से रेल भाड़ा वसूलने और और अन्य व्यवस्था पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, 'बाहर से आए लोगों को स्टेशन से उनके निवास स्थान के प्रखंड मुख्यालय ले जाया जाएगा. जब वो 21 दिनों के क्वारंटीन के बाद वहां से निकलेंगे तो उन्हें रेल भाड़े से लेकर यहां पहुंचने में जितना खर्च आया वो उसके अलावा 1000-1000 रुपए की अतिरिक्त राशि सरकार देगी.'

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उधर, बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार ने किसी भी जिले को ग्रीन जोन जैसी रियायत नहीं देने का निर्णय लिया है. बिहार के जिलों को सिर्फ रेड और ऑरेंज जोन में बांटा गया है. ग्रीन जोन की व्यवस्था फिलहाल लागू नहीं की गई है. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने इसका आदेश जारी किया है. लॉकडाउन को सख्ती से लागू रखने के पीछे की वजह कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों व छात्रों को भी माना जा रहा है.

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