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Nitish Kumar Oath Ceremony: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बाद यह लगभग तय हो चुका है कि नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री की शपथ लेने जा रहे हैं. यह रिकॉर्ड अपने आप में अनोखा है एक ऐसा रिकॉर्ड जो बताता है कि बिहार की राजनीति में नीतीश जैसा रणनीतिक खिलाड़ी दूसरा नहीं.
बहुत से लोग यह सवाल पूछते हैं कि जब बिहार में विधानसभा चुनाव सिर्फ पांच बार हुए, तो कोई नेता दस बार शपथ कैसे ले सकता है? इसका जवाब नीतीश कुमार की राजनीतिक शैली और गठबंधन दौर के उतार-चढ़ाव से जुड़ा है, जहां उन्होंने कई बार गठबंधन बदले, सरकारें गिराईं और बनाईं और हर बार नई शपथ ली.
शपथ से ज्यादा दिलचस्प उनका इस्तीफा इतिहास
नीतीश कुमार सिर्फ शपथों की संख्या के लिए ही नहीं, बल्कि लगातार दिए गए इस्तीफों के लिए भी बिहार की राजनीति में मिसाल हैं. पिछले दो दशकों में उन्होंने 8 बार इस्तीफा दिया है (और कहा जा रहा है कि 9 नवंबर 2025 को एक और देंगे).
आइए इन इस्तीफों का क्रम समझते हैं
इस्तीफों का सफर: राजनीतिक मजबूरी या रणनीतिक महारत?
1. पहला इस्तीफा - मार्च 2000
नीतीश पहली बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन बहुमत साबित न कर पाने के कारण मात्र कुछ दिनों में इस्तीफा देना पड़ा.
2. दूसरा इस्तीफा - 2010
NDA की बंपर जीत के बाद संविधान के तहत विधानसभा भंग होने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए औपचारिक इस्तीफा.
3. तीसरा इस्तीफा - मई 2014
JDU को लोकसभा चुनाव में करारी हार मिली. नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश ने पद छोड़ा और जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया.
4. चौथा इस्तीफा - 2015
महागठबंधन को जीत मिली, नई सरकार बनाने के लिए औपचारिक इस्तीफा देकर फिर शपथ ली.
5. पांचवां इस्तीफा - 2017
महागठबंधन से नाता तोड़ना और NDA में वापसी—इस राजनीतिक यू-टर्न के लिए उन्होंने पद छोड़ा और फिर शपथ ली.
6. छठा इस्तीफा - अगस्त 2022
NDA से अलग होकर फिर महागठबंधन के साथ हाथ मिलाया, जिसके लिए इस्तीफा देना पड़ा.
7. सातवां इस्तीफा - जनवरी 2024
छह महीने बाद ही महागठबंधन को छोड़कर पुनः NDA की ओर लौट आए.
8. आठवां इस्तीफा - नवंबर 2025 (अपेक्षित)
2025 के चुनाव नतीजों के बाद नई सरकार बनाने की प्रक्रिया में फिर पद छोड़ने की तैयारी.
एक ऐसा नेता, जिसने राजनीति को बनाया कला
नीतीश कुमार की राजनीति गठबंधन, संतुलन और मौके की पहचान का अनोखा मिश्रण है. उनकी 10वीं शपथ सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि बिहार की राजनीतिक यात्रा का अनूठा अध्याय है जहां नीतीश हर बार खुद को नए रूप में पेश करते रहे हैं.
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