नीतीश भले ही फिर बने सीएम पर सरकार में बढ़ी बीजेपी की ताकत, 14 मंत्रियों के साथ हुआ ये फायदा

बिहार में एक बार फिर नई सरकार का गठन कर लिया गया है. नई सरकार के मुखिया भी एक बार फिर नीतीश कुमार ही हैं. यानी सीएम के पद पर नीतीश कुमार की ताजपोशी भी हो गई है.

बिहार में एक बार फिर नई सरकार का गठन कर लिया गया है. नई सरकार के मुखिया भी एक बार फिर नीतीश कुमार ही हैं. यानी सीएम के पद पर नीतीश कुमार की ताजपोशी भी हो गई है.

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Dheeraj Sharma
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BJP Increase power in bihar cabinet

बिहार में एक बार फिर नई सरकार का गठन कर लिया गया है. नई सरकार के मुखिया भी एक बार फिर नीतीश कुमार ही हैं. यानी सीएम के पद पर नीतीश कुमार की ताजपोशी भी हो गई है. खास बात यह है कि इस बार राजनीतिक तस्वीर काफी अलग दिखाई दे रही है. नीतीश कुमार ने भले ही मुख्यमंत्री पद पर अपना कब्जा जमा लिया हो, लेकिन बीजेपी की ताकत इस बार बढ़ी हुई है. सबसे बड़ी हिस्सेदार के रूप में भाजपा ने अपने कदम मजबूती से जमा लिए हैं. 

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नई सरकार में बीजेपी ने दिखाया दम

अब तक जेडीयू की तुलना में छोटे सहयोगी के तौर पर रही बीजेपी इस बार सबसे बड़ा हिस्सा लेकर सत्ता में लौटी है. 14 मंत्री भाजपा के कोटे से आए हैं जबकि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को सिर्फ 8 मंत्रालय मिले हैं. यह आंकड़ा साफ करता है कि मंत्रिमंडल गठन के समय बीजेपी ने अपनी रणनीति बेहद प्रभावी ढंग से लागू की और मंत्री पदों में बढ़त हासिल की.

खबरों के मुताबिक, विधानसभा स्पीकर का पद भी भाजपा को मिलने वाला है. इतना ही नहीं, भाजपा ने दो-दो उपमुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव भी कायम रखा, जबकि कहा जा रहा था कि नीतीश कुमार इस व्यवस्था के पक्ष में पिछले कार्यकाल के दौरान भी नहीं थे. बावजूद बीजेपी ने अपनी शर्त पर सहमति बनवा ली और राजनीतिक स्थिति और मजबूत कर ली.

सामाजिक समीकरणों का संतुलन

- बीजेपी ने मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय समीकरणों पर विशेष जोर दिया है.

- लव-कुश जातीय गठजोड़ और अगड़ा वर्ग को प्राथमिकता देते हुए सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को डिप्टी सीएम बनाया गया है.

- ब्राह्मण समाज से मंगल पांडेय और कायस्थ समुदाय से नितिन नबीन को मंत्री पद मिलना बीजेपी की संतुलित सामाजिक रणनीति को दिखाता है.

- इसके साथ ही रामकृपाल यादव और दिलीप जायसवाल जैसे नेताओं को भी कैबिनेट में जगह दी गई है.

नीतीश मिश्रा को नहीं मिला मंत्री पद

दिलचस्प रूप से  पिछली सरकार में उद्योग मंत्री रहे नीतीश मिश्रा को इस बार मौका नहीं मिला, जबकि उनकी जीत का अंतर पिछली बार से बेहतर था. वहीं बीजेपी और जेडीयू के अलावा, लोजपा (आर) के हिस्से में दो मंत्री पद आए हैं.
वहीं, HAM के प्रमुख जीतन राम मांझी ने अपने बेटे संतोष सुमन को मंत्री बनवाया है. इसी तरह, उपेंद्र कुशवाहा ने भी अपने बेटे दीपक प्रकाश को कैबिनेट में जगह दिलाकर साफ कर दिया कि इस बार मंत्रिमंडल वितरण में परिवारवाद का प्रभाव भी कम नहीं रहा. 

Nitish Kumar BJP nitish kumar oath ceremony
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