logo-image

नीतीश कैबिनेट की सोशल इंजीनियरिंग, सभी जातियों को साधने की कोशिश

26 मंत्रियों के साथ नीतीश कुमार ने कैबिनेट में जाति और गठबंधन को साधने की पूरी कोशिश की है।

Updated on: 29 Jul 2017, 09:08 PM

highlights

  • नीतीश कुमार ने किया कैबिनेट विस्तार, 26 मंत्रियों ने ली शपथ
  • जेडीयू के 14, बीजेपी के 11 और लोजपा के एक विधायक बने मंत्री
  • नीतीश कुमार ने जाति का रखा खास ख्याल, 3 भूमिहार, 3 यादव, एक मुस्लिम को भी जगह

नई दिल्ली:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। कुमार ने अपने मंत्रिमंडल में कुल 26 मंत्रियों को जगह दी और इस दौरान जातीय समीकरण का विशेष ध्यान रखा गया।

महागठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार पर सबसे बड़़ी चुनौती किसी जाति विशेष के पक्ष में खड़े नहीं होने की है और यही वजह रही कि उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में इसका पूरा ख्याल रखा।

नीतीश मंत्रिमंडल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कोटे से 11, जनता दल (यूनाइटेड) से 14 और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) से एक विधायक को जगह दी गई है।

कैबिनेट में सोशल इंजीनियरिंग

नीतीश कैबिनेट में बिहार की अगड़ी जाति भूमिहार समुदाय से आने वाले 3 मंत्रियों को जगह दी गई है। वहीं तीन यादव और 2 ब्राह्मण को मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा कुशवाहा जाति के 3 लोगों को मंत्री बनाया है।

नीतीश कुमार ने हालांकि अपनी कैबिनेट में एनडीए के सहयोगी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को जगह नहीं दी है। नीतीश कुमार और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उपेंद्र कुशवाहा में खटपट जगजाहिर है। इसी कारण उन्होंने कुशवाहा समुदाय के 3 विधायकों को मंत्री बनाया है। उपेंद्र कुशवाहा इस समुदाय को अपना मजबूत वोट बैंक बताते रहे  हैं। 

इसके अलावा कुर्मी जाति से 2, पासवान समुदाय से 2, धानुक जाति के 2 तथा  दो राजपूतों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। मंत्रिमंडल में एक दलित, दो मुसहर, एक बिंद, एख बनिया, एक मल्लाह और एक कहार जाति के विधायक को जगह दी गई है। 

नीतीश मंत्रिमंडल में एक मुस्लिम को भी मंत्री बनाया गया है। 

 

बीजेपी के मंत्री और जाति

नंदकिशोर यादव ( यादव), प्रेम कुमार (बनिया), रामनारायण मंडल (कुर्मी), मंगल पांडेय (ब्राह्मण), विनोद नारायण झा (ब्राह्मण), सुरेश शर्मा (भूमिहार), कृष्ण कुमार ऋषि (मुसहर), विनोद कुशवाहा (कुशवाहा), राणा रणधीर (राजपूत), विजय सिन्हा (भूमिहार), प्रमोद कुमार (बनिया) और ब्रज किशोर बिंद (बिंद) को बीजेपी कोटे से मंत्री बनाया गया है।

बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष मंगल पांडेय को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना था, लेकिन उनके पटना में नहीं रहने के कारण वे शपथ नहीं ले सके।

जेडीयू के मंत्री और जाति

ललन सिंह (भूमिहार), विजेंद्र यादव (यादव), श्रवण कुमार (कुर्मी), कृष्णनंदन वर्मा (कुशवाहा), महेश्वर हजारी (पासवान), मदन सहनी (मल्लाह), संतोष निराला (दलित), खुर्शीद आलम फ़िरोज़ (मुस्लिम), शैलेश कुमार (धानुक), जयकुमार सिंह (राजपूत) , मंजू वर्मा (कुशवाहा), कपिलदेव कामत (धानुक), रमेश ऋषिदेव (मुसहर) और दिनेश चंद्र यादव (यादव) को जेडीयू कोटे से मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) से एक विधायक पशुपति कुमार पारस (पासवान) को नीतीश ने कैबिनेट में जगह दी गई है। पारस एलजेपी अध्यक्ष रामविलास पासवान के भाई हैं।

और पढ़ें: नीतीश बोले, धर्मनिरपेक्षता की आड़ में पाप छिपाने वालों के साथ नहीं रह सकता

नीतीश कैबिनेट में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और हिंदुतानी अवाम मोर्चा (हम) के नेताओं को जगह नहीं दी गई है।

जेडी (यू) कोटे से बने 14 मंत्रियों में दो नए चेहरे हैं, शेष पुराने मंत्रियों को ही मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। शपथ ग्रहण समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित राजग के कई नेता उपस्थित थे।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन छोड़ बुधवार को इस्तीफा दे दिया था। जिसके एक दिन बाद नीतीश ने बीजेपी नीत एनडीए के साथ मिलकर मुख्यमंत्री पद की छठी बार शपथ ली। उन्होंने शुक्रवार को बिहार विधानसभा में बहुमत साबित किया।

और पढ़ें: नीतीश कुमार ने जीता विश्वासमत, नाराज़ तेजस्वी ने जमकर निकाली भड़ास