आरजेडी के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आते ही बिहार की राजनीति गरमा गई है। राजधानी पटना में नीतीश कुमार ने अपने पार्टी के वरिष्ठ सहयोगियों के साथ बैठक करने के बाद शहाबुद्दीन की अगवानी करने जेल पहुंचे जनता दल यू के विधायक गिरिधारी यादव को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है और ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है।
नीतीश सरकार शहाबुद्दीन को फिर से जेल भेजने और उसपर सीसीए लगाने की संभावनाओं और उसके कानूनी पहलुओं भी विचार कर रही है। गौरतलब है कि 10 सितंबर को जेल से बाहर आने के बाद शहाबुद्दीन ने लालू यादव को अपने नेता बताते हुए नीतीश कुमार को परिस्थितियों का मुख्यमंत्री बता दिया था जिसके बाद जदयू के कई नेता नाराज बताए जा रहे हैं।
शहाबुद्दीन को साल 2014 में सीवान में दो सगे भाइयों पर तेजाब डालकर उनकी जान लेने के मामले में एक गवाह की हत्या का आरोपी बनाया गया था जिसमें उन्हें पटना हाई कोर्ट से जमानत मिली थी।
शहाबुद्दीन के बाहर आने के बाद राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और लगातार सरकार पर आरोप लगा रही है कि सरकारी की मिलीभगत से ही शहाबुद्दीन जेल से बाहर आया है
Source : News Nation Bureau