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कभी भी पलटी मार सकते हैं नीतीश, भाजपा से दोस्ती के लिए खुला रखा है रास्ता: प्रशांत किशोर

नीतीश कुमार को लेकर रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि जिसने एक बार धोखा दिया वो फिर से धोखा दे सकता है. वो कभी भी पलटी मार सकते हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मुझसे से बेहतर उन्हें कोई नहीं जानता.

Updated on: 20 Oct 2022, 09:02 AM

Patna:

रणनीतिकार प्रशांत किशोर इनदिनों बिहार में जन सुराज पदयात्रा पर निकले हुए हैं. बिहार के हर एक जिले में जाकर वो लोगों को उनके हक के लिए अवगत करा रहे हैं. साथ ही सरकार के नाकामियों को सबके सामने ला रहें हैं. सीएम नीतीश कुमार को घेरने का एक भी मौका नहीं छोड़ते हैं. नीतीश कुमार को लेकर उन्होंने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने हमला करते हुए कहा कि जिसने एक बार धोखा दिया वो फिर से धोखा दे सकता है. वो कभी भी पलटी मार सकते हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मुझसे से बेहतर उन्हें कोई नहीं जानता.

क्या है सीएम की प्लानिंग 

प्रशांत ने कहा कि नीतीश फिर से पलटी मार जायें और बीजेपी के साथ चले जायें तो किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने अपने करीबी सांसद और राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश के जरिये बीजेपी के साथ फिर से संवाद कायम का रास्ता खुला रखा है. जरूरत पड़ने पर नीतीश कुमार हरिवंश के जरिये ही बीजेपी से संपर्क साधेंगे.     

हरिवंश ने क्यों नहीं दिया इस्तीफा

प्रशांत किशोर ने कहा कि जो लोग ये सोंच रहे हैं कि नीतीश कुमार पूरे देश में बीजेपी विरोधी मोर्चा बनाने निकले हैं. वे ये जान कर हैरान रह जायेंगे कि नीतीश ने भाजपा के साथ फिर से जाने का रास्ता भी खुला रखा है. अपनी पार्टी के सांसद हरिवंश के जरिये वे बीजेपी के संपर्क में भी हैं. प्रशांत किशोर ने सवाल पूछा कि बीजेपी के सहयोग से राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने आखिरकार क्यों नहीं उप सभापति पद से इस्तीफा दिया. अगर नीतीश बीजेपी के इतने बड़े कट्टर दुश्मन हैं तो उन्होंने क्यों नहीं अपनी पार्टी के सांसद हरिवंश को कहा कि वे उस पद को छोड़ दें जो बीजेपी की कृपा से मिला है. 

जेडीयू ने प्रशांत किशोर के दावे को बताया भ्रम

दूसरी तरफ जेडीयू ने प्रशांत किशोर के दावे को भ्रम फैलाने की कोशिश करार दिया है. जेडीयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर ये एलान किया है कि वे जीवन में फिर कभी भाजपा से हाथ नहीं मिलायेंगे. नीतीश कुमार पिछले 50 सालों से राजनीति में हैं जबकि प्रशांत किशोर सिर्फ 6 महीने से राजनीति के मैदान में उतरे हैं. वे लोगों के बीच भ्रम फैलाने के लिए इस तरह की बात कर रहे हैं.