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नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार, शाहनवाज ने उर्दू में, संजय ने मैथिली में ली शपथ

भाजपा की ओर से शाहनवाज हुसैन के अलावा सम्राट चौधरी, सुभाष सिंह, आलोक रंजन झा, प्रमोद कुमार, जनक राम, नारायण प्रसाद, नितिन नवीन, नीरज सिंह बबलू को मंत्री बनाया गया है.

Updated on: 09 Feb 2021, 11:01 PM

पटना:

बिहार में काफी किचकिच के बाद आखिरकार मंगलवार को नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया. कुल 17 मंत्रियों को राज्यपाल फागू चैहान ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस तरह बिहार में मुख्यमंत्री सहित कुल मंत्रियों की संख्या 31 हो गई. मंत्रिमंडल विस्तार शपथ लेने वालों में भाजपा के 9 तथा जदयू के 8 (1 निर्दलीय समेत) लोग शामिल हैं. भाजपा की ओर से विधान परिषद के सदस्य शाहनवाज हुसैन और दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के भाई नीरज सिंह बबलू भी मंत्री बने हैं. राजभवन में आयोजित एक समारोह में 17 नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई. इस दौरान शाहनवाज हुसैन ने जहां उर्दू में शपथ ली, वहीं संजय कुमार झा ने मैथिली भाषा में शपथ ली.

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भाजपा ने जहां नए और युवा चेहरों को तरजीह दी है, वहीं जदयू ने अनुभवी और युवा लोगों पर तालमेल बैठाने की कोशिश की है. जदयू ने जहां मुस्लिम चेहरे के रूप में बहुजन समाज पार्टी से आए जमां खान को मंत्री बनाया, वहीं भाजपा ने अपने मुस्लिम चेहरा शाहनवाज हुसैन को मंत्री बनाया है. भाजपा की ओर से शाहनवाज हुसैन के अलावा सम्राट चौधरी, सुभाष सिंह, आलोक रंजन झा, प्रमोद कुमार, जनक राम, नारायण प्रसाद, नितिन नवीन, नीरज सिंह बबलू को मंत्री बनाया गया है.

इधर, जदयू की ओर से पूर्व मंत्री श्रवण कुमार को एक बार फिर मंत्री बनाया गया है. इसके अलावा लेसी सिंह, संजय झा, मदन सहनी भी नीतीश के सहयोगी के तौर पर मंत्रिमंडल में शामिल हुए. निर्दलीय सुमित कुमार सिंह, जयंत राज, जमां खान और सुनील कुमार ने भी मंत्री पद की शपथ ली है. निर्दलीय सुमित कुमार सिंह ने जदयू को पहले ही समर्थन देने की घोषणा की है.

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इस मंत्रिमंडल विस्तार में राजग में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया है. नीतीश कुमार ने 14 मंत्रियों के साथ पिछले वर्ष 16 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. बाद में मंत्री बने मेवालाल चौधरी को इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलबाजी चल रही थी. भाजपा और जदयू में इसको लेकर खींचतान भी खूब चली. विपक्ष ने भी इसे लेकर सत्ता पक्ष पर जमकर निशाना साधा था.