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नीतीश ने RJD से फिर बनाई दुरी, पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने नहीं जाएंगे अब

सीएम नीतीश कुमार ने इशारों इशारों में ये आज साफ कर दिया है कि वो उपचुनाव में आरजेडी के तरफ से चुनाव प्रचार करने नहीं जाएंगे. अब तक ये खबरें थी कि वो 27 अक्टूबर को चुनाव प्रचार करने मुकामा जाएंगे.

Updated on: 27 Oct 2022, 05:59 PM

highlights

. आरजेडी के लिए चुनाव प्रचार करने नहीं जाएंगे नीतीश 
. हमारी पार्टी के लोग तो जा ही रहे हैं
. आरजेडी से फिर बना ली दुरी 

Patna:

सीएम नीतीश कुमार ने इशारों इशारों में ये आज साफ कर दिया है कि वो उपचुनाव में आरजेडी के तरफ से चुनाव प्रचार करने नहीं जाएंगे. अब तक ये खबरें थी कि वो 27 अक्टूबर को चुनाव प्रचार करने मुकामा जाएंगे लेकिन जब आज उनसे पूछा गया तो उन्होंने कह दिया कि उनकी तबियत अभी ठीक नहीं है. मोकामा और गोपालगंज में आरजेडी के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि, आज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह मुकामा पहुंचे थे. जहां प्रचार के दौरान उन्होंने कहा कि महागठबंधन की जीत होगी.

जब ठीक हो जाएंगे तब सोचेंगे

दरअसल, नीतीश कुमार आज चित्रगुप्त पूजा में शामिल होने पटना के गर्दनीबाग पहुंचे थे. वहां जब उनसे पूछा गया कि क्या मोकामा में चुनाव प्रचार करने जा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि उसके लिए आप लोग क्यों चर्चा कर रहे हैं. अभी तो मुझे चोट लगी हुई है. जब वो ठीक हो जायेगा तब हम कुछ सोचेंगे. बाकि हमारी पार्टी के सभी लोग तो जा ही रहे हैं. 

बगैर पूछे दिखाई थी कल अपनी चोट 

बता दें कि, पहले ये घोषणा की गयी थी कि नीतीश कुमार 27 अक्टूबर को मोकामा में चुनाव प्रचार करने जायेंगे. उनके साथ तेजस्वी यादव और जीतन राम मांझी भी रहेंगे. लेकिन एक दिन पहले ही यानि 26 अक्टूबर को नीतीश कुमार ने मीडिया के बगैर पूछे ये बताया कि उनके पेट में चोट लगी हुई है. नीतीश कुमार ने खुद ही मीडिया के सामने अपना कुर्ता उठा कर पेट दिखाया, जिस पर बैंडेज लगा था. नीतीश कुमार ने कहा कि पेट में चोट लगने के कारण वे गाड़ी की अगली सीट पर नहीं बैठ पा रहे हैं क्योंकि वहां बेल्ट लगाना पड़ता है. वे गाड़ी की पिछली सीट पर बैठ कर घूम रहे हैं और आज इसी चोट के बारे में बता कर उन्होंने कहा कि जब ठीक हो जाएगा तब सोचेंगे.

नीतीश कुमार के इस बयान से तो साफ झलक रहा है कि वो अब चुनाव  प्रचार करने नहीं जाएंगे. एक बार फिर उन्होंने आरजेडी से दुरी बना ली है. अब देखना होगा कि बिहार की राजनीति में इसको लेकर क्या नए खेल शुरू हो जाता है. क्यों कि विपक्ष को बोलने का मौका अब जरूर मिल गया है.