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राज्यसभा चुनाव के लिए NDA ने दाखिल किया नामांकन, 3 सदस्यों का भरा पर्चा

बिहार में नई सरकार आ चुकी है. इसके साथ ही कई राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है, जिसे लेकर सभी दल अपने-अपने उम्मीदवारों का नामांकन कर रहे हैं.

Updated on: 14 Feb 2024, 02:46 PM

highlights

  • संजय झा ने भरा नामांकन
  • एनडीए से तीन सदस्यों का गया नाम
  • नीतीश कुमार के करीबी हैं संजय झा

Patna:

बिहार में नई सरकार आ चुकी है. इसके साथ ही कई राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है, जिसे लेकर सभी दल अपने-अपने उम्मीदवारों का नामांकन कर रहे हैं. इस बीच राज्यसभा चुनाव को लेकर एनडीए के तीन उम्मीदवारों का नामांकन किया गया है, जिसमें दो बीजेपी के और एक जेडीयू के उम्मीदवार का नाम शामिल है. बीजेपी से भीम सिंह और धर्मशीला गुप्ता का नाम और जेडीयू से संजय झा का नाम राज्यसभा के लिए गया. विधानसभा के सचिव कक्ष में इन सभी उम्मीदवारों का नामांकन किया गया. इस दौरान बिहार के सीएम नीतीश कुमार और दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी व विजय सिन्हा मौजूद थे. इनके अलावा एनडीए के अन्य वरिष्ट नेता भी मौके पर दिखे. 

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15 फरवरी नामांकन की आखिरी तारीख

आपको बता दें कि बिहार से राज्यसभा के लिए 6 सीटों पर चुनाव होने वाला है. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तिथि 15 फरवरी है. 6 सीटों के आधार पर राज्य में 3-3 राज्यसभा की सीटें एनडीए और महागठबंधन को मिलेगी. जिसमें भाजपा के दो, जेडीयू के एक, राजद के लिए दो और कांग्रेस के लिए एक सीट तय मानी जा रही है. कांग्रेस की तरफ से अखिलेश सिंह का नाम नामांकन के लिए जाएगा. वहीं, जेडीयू की तरफ से संजय झा पहली बार राज्यसभा पहुंचे. संजय झा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने यह बड़ी जिम्मेदारी है. पहले बिहार में काम करने का मौका मिला और अब सदन में काम करने का मौका मिलेगा. हम बिहार की समस्याओं को सदन में रखेंगे और जो भी राज्य हित में होगा, वह जरूर होगा. इसके साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर संजय झा ने कहा कि बिहार में हमारी गठबंधन की सरकार सभी सीटों पर बहुमत हासिल करेगी और बिहार में नौकरी के अवसर मिलेंगे, उद्योग लगेगा. जिसे लेकर हम लोग काम करेंगे.

जानिए कौन हैं भीम सिंह?

बीजेपी से भीम सिंह का नाम राज्यसभा के लिए गया है. बता दें कि वह अतिपिछड़ा चंद्रवंशी समुदाय से आते हैं. भीम सिंह ने कर्पूरी ठाकुर की ओर से लागू आरक्षण का समर्थन किया और राजनीति में कदम रखा. भीम सिंह राजद और जेडीयू में भी रह चुके हैं और दो बार एमएलसी रहे. साथ ही वह ग्रामीण कार्य विभाग, उद्योग विभाग के मंत्री और पंचायती राज में भी मंत्री रह चुके हैं. पहले जीतन राम मांझी का हाथ थाम वह जेडीयू से अलग हुए और फिर अपने विधान परिषद के दूसरे टर्म में तीन साल का कार्यकाल बचे रहने पर भी अपनी सदस्यता छोड़ दी.