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NCERT दे रहा महात्मा गांधी के विषय में बच्चों को गलत जानकारी!

पिछले 13 साल से बारहवीं कक्षा के NCERT के छात्रों को महात्मा गांधी के विषय में गलत तथ्य पढ़ाए जा रहे थे. इंग्लिश के कोर बुक में एक ही चेप्टर में कई खामियां पाई गई हैं.

Updated on: 06 Feb 2020, 04:05 PM

पटना:

पिछले 13 साल से बारहवीं कक्षा के NCERT के छात्रों को महात्मा गांधी के विषय में गलत तथ्य पढ़ाए जा रहे थे. इंग्लिश के कोर बुक में एक ही चेप्टर में कई खामियां पाई गई हैं. महात्मा गांधी के 1917 में बिहार (Bihar) आने और सत्याग्रह से जुड़े इस पाठ्यक्रम में तथ्यों से छेडछाड़ की गई है. इतिहासकार और गांधी से जुड़ी पुस्तकों के लेखक भैरव लाल दास ने NCERT के सचिव को इस संबंध में खत है और इस चेप्टर को शुद्ध करने या सिलेबस से हटाने की मांग की है. हमारे संवाददाता रजनीश सिन्हा ने भैरव लाल से जाना कि कैसे बच्चों को महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के विषय में गलत जानकारी दी जा रही थी.

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Flamingo नामक अंग्रेजी सिलेबस के कोर पुस्तक में Indigo शीर्षक से एक पाठ्यक्रम, इसमें एक नही कई गलतियां-

1. पुस्तक में महात्मा गांधी के पटना से मुजफ्फरपुर जाने की तिथि 15 अप्रैल 2017, जबकि 10 अप्रैल की शाम ही गांधी मुजफ्फरपुर पहुंचे और 14 तारीख तक वहां रहे.

2. राजकुमार शुक्ल जिन्होंने गांधी को किसानों के लिए चंपारण आने का न्योता दिया था, उन्हें अशिक्षित बताया गया. जबकि इतिहासकारों के पास शुक्ल की कैथी भाषा में लिखी डायरी उपलब्ध है, जिसमें गांधी के बिहार आने के हर दिन का ब्योरा. गांधी ने खुद बताया था कि वो हिन्दी और कैथी भाषा के जानकार थे.

3. Professor NR malkani का जिक्र जिन्हें स्कूल का शिक्षक बताया गया, जबकि वो भूमिहार ब्राह्मण कॉलेज में प्रोफेसर थे. 

4. पुस्तक में गांधी के मुजफ्फरपुर पहुंचने पर बड़ी संख्या में किसानों द्वारा स्वागत का जिक्र, जबकि इतिहासकार कहते हैं कि गांधी को उस वक्त बहुत लोग नहीं जानते थे. ऐसे में 2-4 लोग ही उनके स्वागत को पहुंचे थे.

5. पुस्तक में लिखा है 18 अप्रैल 1917 को मोतिहारी कोर्ट में उनकी हाजरी के वक्त लोगों की भीड़ को शांत करने के लिए गांधी को कहा गया था, जबकि इतिहासकार कहते हैं कि आर्म्ड फोर्स को वहां बुलाया गया था. बेल की बात गलत है.

6. किताब में गांधी के ब्रिटिश लैंडलोर्ड से मुलाकात की बात गलत है. वो bihar planters association से मिले थे.