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कोरोना के बीच किसानों पर प्रकृति का प्रहार, क्षति के भुगतान के लिए नीतीश सरकार ने मंजूर किए 518.42 करोड़ रुपये

मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रभावित किसानों को फसल क्षति के भुगतान के लिए 518.42 करोड़ रूपये की स्वीकृति दे दी.

Updated on: 25 Mar 2020, 11:04 AM

पटना:

कोरोना वायरस (Corona Virus) के साथ मार्च के इस महीने में किसान असामयिक वर्षा और ओलावृष्टि से भी जूझ रहे हैं. लिहाजा किसानों की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई. समीक्षा बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, कृषि मंत्री प्रेम कुमार, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर  राय, मुख्य सचिव दीपक कुमार, प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन प्रत्यय अमृत, प्रधान सचिव वित्त एस. सिद्धार्थ, सचिव कृषि एन. सरवन कुमार सहित वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे.

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बैठक में वर्ष 2020 के मार्च माह में अब तक हुई असामयिक वर्षा/ओलावृष्टि से फसल क्षति के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई. कृषि विभाग द्वारा बताया गया कि इसका विस्तृत सर्वेक्षण करा लिया गया है. कृषि विभाग के प्रतिवेदन के अनुसार, मार्च माह में हुई असामयिक वर्षा/ओलावृष्टि से 3,84,016.71 हेक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिषत से अधिक फसल क्षति हुई है. आपदा राहत मापदंड के अनुरूप 33 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर 13,500 (तेरह हजार पांच सौ रूपये) प्रति हेक्टेयर की दर से कृषि इनपुट अनुदान देय है.

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मुख्यमंत्री ने बैठक में ही प्रभावित किसानों को फसल क्षति के भुगतान के लिए 518.42 करोड़ रूपये की स्वीकृति दे दी. साथ ही मुख्यमंत्री ने कृषि सचिव को निर्देश दिया कि स्वीकृत राशि अविलम्ब प्रभावित किसानों के खाते में अंतरित की जाए. सरकार को उस बात का एहसास है कि इस वक्त कोरोना के साथ किसान प्रकृति की दोहरी मार झेल रहे हैं, ऐसे में उन्हें सहायता की जरूरत है.

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