Nalanda University Inauguration: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज (19 जून) बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन कर दिया है. उद्घाटन कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर और 17 देशों के राजदूतों ने हिस्सा लिया. बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा और अन्य प्रतिनिधि नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर में पहुंचे. नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'मुझे खुशी है कि तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेने के 10 दिन के अंदर मुझे नालंदा आने का मौका मिला...नालंदा एक नाम ही नहीं है, एक पहचान है, एक सम्मान है, नालंदा एक मूल्य है, एक मंत्र है...आग किताबों को जला सकती है, लेकिन ज्ञान को नष्ट नहीं कर सकती."
बेहतर भविष्य की नींव रखना जानते हैं: मोदी
पीएम मोदी ने कहा, अपने प्राचीन अवशेषों के समीप नालंदा का नवजागरण हुआ है. ये नया कैंपस विश्व को भारत के सामर्थ्य का परिचय देगा. नालंदा बताएगा कि जो राष्ट्र, मजबूत मानवीय मूल्यों पर खड़ा होता है वो राष्ट्र इतिहास को पुनर्जीवित करके बेहतर भविष्य की नींव रखना जानते हैं. नालंदा का स्तर भारत के ही अतीत का पुनर्जागरण नहीं है, इसमें विश्व के एशिया के कितने ही देशों की विरासत जुड़ी हुई है. नालंदा यूनिवर्सिटी के पुनर्निर्माण में हमारे साथी देशों की भागीदारी भी रही है. मैं इस अवसर पर भारत के सभी मित्र देशों का अभिनंदन करता हूं.
उन्होंने कहा कि प्राचीन नालंदा में बच्चों का दाखिला उनकी पहचान, उनकी नागरिकता को देखकर नहीं होता था. हर देश, हर वर्ग के युवा यहां आते थे. नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए कैंपस में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से ताकत देनी है. दुनिया के कई देशों के छात्र यहां आने लगे हैं.
आने वाले समय में नालंदा यूनिवर्सिटी, फिर एक बार हमारे सांस्कृतिक अदला-बदली का प्रमुख सेंटर बनेगी. आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है, योग दिवस एक वैश्विक उत्सव बन गया है. भारत ने सदियों तक स्थिरता को एक मॉडल के रूप में जीकर दिखाया है. हम प्रगति और पर्यावरण को एक साथ लेकर चले हैं.
प्रधानमंत्री के कहा कि 21 जून को इंटरनेशनल योग डे मनाया जाएगा. आज देश में योग की सैकड़ों विधाएं हैं. हमारे ऋषियों ने कितने गहन शोध किया होगा, लेकिन किसी ने योग पर अपना एकाधिकार नहीं जमाया. पूरे विश्व ने योग को अपनाया है. योग दिवस एक वैश्विक उत्सव बना है. भारत ने सदियों तक स्थिरता को लेकर एक मॉडल जीकर दिखाया है. हम प्रगति और पर्यावरण संग लेकर चले हैं. अपने उन्हीं अनुभवों की बदौलत भारत ने विश्व को मिशन लाइफ जैसे मानवीय विजन दिया है.
उन्होंने कहा, मेरा मिशन है कि भारत दुनिया के लिए शिक्षा और ज्ञान का केंद्र के रूप में उभरे. भारत की पहचान विश्व में सबसे प्रमुख ज्ञान केंद्र के रूप में हो. पूरी दुनिया की नजरें भारत पर टिकी हुई हैं. पूरी दुनिया बुद्ध के इस देश में मदर ऑफ डेमोक्रेसी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहती है.
आपको बता दें कि 2016 में नालंदा के खंडहरों को संयुक्त राष्ट्र विरासत स्थल घोषित किया गया. इसके बाद विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य 2017 में आरंभ किया गया. इस विश्वविद्यालय का इतिहास सदियों पुराना रहा है. यह यूनिवर्सिटी करीब 1600 वर्ष पहले स्थापित हुई थी. इसकी स्थापना पांचवीं सदी में की गई. उस समय पूरी दुनिया से छात्र यहां पर पढ़ने के लिए आया करते थे. नालंदा यूनिवर्सिटी में दो अकेडमिक ब्लॉक बनाए गए हैं. इनमें 40 क्लासरूम हैं. यहां पर कुल 1900 बच्चों के बैठने का इंतजाम किया गया है. यूनिवर्सिटी में दो ऑडिटोरयम भी है. इसमें 300 सीटें मौजूद हैं. इसके साथ इंटरनेशनल सेंटर और एम्फीथिएटर भी तैयार किया गया है. यहां पर 2 हजार से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा छात्रों के लिए फैकल्टी क्लब और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स समेत कई तरह की सुविधाएं मौजूद हैं.
नालंदा यूनिवर्सिटी का कैंपस 'NET ZERO' कैंपस है. इसका अर्थ ये है कि यहां पर्यावरण अनुकूल से संबंधित शिक्षा दी जाती है. कैंपस में पानी की रि-साइकल को लेकर प्लांट लगाया गया है. इसमें 100 एकड़ की वॉटर बॉडीज के साथ अन्य सुविधाएं पर्यावरण के अनुकूल हैं.
Source : News Nation Bureau