नालंदा: बोरवेल में गिरा शिवम अब है स्वस्थ, ऐसे हुआ हादसा
खबर बिहार के नालंदा से आ रही है, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे, जहां रविवार की सुबह कुल गांव में खुले बोरवेल में खेलते समय 4 साल का मासूम शिवम गिर गया, जिसके बाद प्रशासन की टीम ने 8 घंटे के रेस्क्यू के बाद शिवम को 60 फीट गड्ढे से बाहर निकाला था.
highlights
- नालंदा में बोरवेल में गिरा शिवम अब स्वस्थ्य
- बच्चे की मां बोली- बेटा कह रहा घर चलो
- डॉक्टर की देखरेख में अस्पताल में भर्ती
Nalanda:
खबर बिहार के नालंदा से आ रही है, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे, जहां रविवार की सुबह कुल गांव में खुले बोरवेल में खेलते समय 4 साल का मासूम शिवम गिर गया, जिसके बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीम ने 8 घंटे के रेस्क्यू के बाद शिवम को 60 फीट गड्ढे से बाहर निकाला था. फिलहाल शिवम का इलाज वर्धमान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी में किया जा रहा है. शिवम अब स्वस्थ है और वह घर जाना चाहता है. रविवार शाम से ही शिवम के माता-पिता अस्पताल में उसकी देखभाल कर रहे हैं. उधर, शिवम के घर पर परिजनों का तांता लगा हुआ है और सभी शिवम के घर आने का इंतजार कर रहे हैं.
आपको बता दें कि, शिवम की मां रेनू देवी ने इसको लेकर बताया कि, ''उन्होंने खेत में करेले का पौधा लगाया है. जब वह खेत में उगी घास हटाने जा रही थी तो शिवम भी जिद करने लगा कि वह भी उसके साथ चलेगा. इसके बाद शिवम भी उनके पीछे चला गया. वह खेत में काम करने लगी और शिवम अपने दादा के साथ आम के पेड़ के पास खेलने लगा, जिसके बाद शिवम के दादा भी खेत में काम करने चले गए और शिवम वहीं खेलता रहा.''
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इसके आगे शिवम अपने दादा की ओर जाने लगा, इसी बीच वह तार की पत्तियों से ढके बोरवेल के अंदर गिर गया. उसके बाद शिवम मम्मी-मम्मी चिल्लाने लगा तो पास बैठे किसान ने शोर मचा दिया. इसके बाद मौके पर गांव वाले और स्थानीय पुलिस और प्रशासन के लोग आ गए. फिर पटना से टीम आई और उनके बच्चे को बोरवेल से बाहर निकाला गया.'' वहीं रेस्क्यू के बाद उन्होंने बच्चे की हालत के बारे में बताया कि, ''अब उनके बेटे की तबीयत ठीक है, वह बोल रहा है, खाना खा रहा है और घर जाने की बात कर रहा है.''
वहीं इस मामले के बाद शिवम के पिता डोमन मांझी ने बताया कि, ''उनका बेटा अब कह रहा है कि पापा हमें घर ले चलो, उसने डॉक्टर पर नाराजगी जताते हुए कहा कि डॉक्टर बेवजह बच्चे को इधर-उधर ले जाने को कहते हैं. साथ ही रात में स्लाइन भी चढ़ाया गया, उसके बाद उसे वैसे ही छोड़ दिया गया, अब इलाज बंद कर दिया गया है.'' फिलहाल डॉक्टरों की ओर से उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गयी है कि बच्चे को घर कब भेजा जायेगा.
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