logo-image

बिहार में यहां लगती है अनोखी अदालत, इन चार मामलों में दी जाती है गजब सजा

बिहार के समस्तीपुर जिले में घुमंतू खानाबदोश कुररियाड़ महासंघ की पंचायत इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. इस पंचायत (निजी अदालत) में इस समुदाय के निजी कानून और न्यायिक प्रक्रिया के तहत दोषियों को सजा दी गई.

Updated on: 22 Jul 2019, 10:28 PM

नई दिल्ली:

बिहार के समस्तीपुर जिले में घुमंतू खानाबदोश कुररियाड़ महासंघ की पंचायत इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. इस पंचायत (निजी अदालत) में इस समुदाय के निजी कानून और न्यायिक प्रक्रिया के तहत दोषियों को सजा दी गई. इसे लेकर कई तस्वीर और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें दोषियों को अजीब तरीके से सजा दी जा रही है. सूत्रों का कहना है कि रविवार को समस्तीपुर के समीप लगे इस पंचायत में चार मामलों का निपटारा किया गया, जिसमें दोषी को खंभे से बांधकर कोड़ा से पीटना, उल्टा कर खंभे से लटकाने और महिलाओं के सिर के बाल काटकर उसके चेहरे पर कालिख लगाने तक की सजा दी गई.

वीडियो में स्पष्ट है कि दोषियों के खिलाफ आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया.

सूत्रों का कहना है कि इस पंचायत में न्यायाधीश और पुलिस भी समाज के ही लोग होते हैं, तथा दोषी भी समाज के ही लोग होते हैं. यही कारण है कि इस अदालत की शिकायत पुलिस तक नहीं पहुंच पाती है.

इसे भी पढ़ें:विपक्ष के विरोध के बीच आरटीआई संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित, RTI में जानें क्या बदलेगा

समस्तीपुर के पुलिस अधीक्षक विकास वम्र्मन ने सोमवार को बताया कि ऐसी घटना की जानकारी पुलिस को भी मिली है, लेकिन किसी प्रकार की शिकायत पुलिस तक नहीं पहुंची है. उन्होंने कहा कि अगर कोई भुक्तभोगी शिकायत करता है, तो दोषियों पर जरूर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

वायरल वीडियो में एक व्यक्ति कहता दिख रहा है,'हमारा समाज कानून की इज्जत करता है. पंचायत में मानवाधिकार का हनन नहीं होता है.समाज के लोग आपस में बैठक कर मामलों का समाधान अपने स्तर पर खोज लेते हैं.'

सूत्रों से पता चला है कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति कुररियाड़ समाज का प्रमुख है.

और भी पढ़ें:सपा विधायक नाहिद हसन के बयान पर आजम खां ने कह दी ये बड़ी बात

वीडियो के वायरल होने पर राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने ऐसी घटना की निंदा करते हुए कहा कि नीतीश सरकार इसी 'सुशासन' का दम भरती है. उन्होंने कहा कि कानून को धता बताते हुए खुलेआम पंचायत लगाकर सजा दी जा रही है. यह कैसा सुशासन है?

बिहार के संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस इस मामले को देख रही है और जांच कर रही है. कोई भी सभ्य समाज ऐसी घटनाओं को सही नहीं ठहरा सकता.