हाल के सालों में इस्लामिक विवाहों में तलाक और 'खुला' मांगने के मामलों में तेजी आई है. खासकर महिलाएं अब दारुल कजा में जाकर अपने शौहर से अलगाव की मांग करने में साहस दिखा रही हैं. इसके पीछे मुख्य कारण मोबाइल फोन का गलत इस्तेमाल बताया जा रहा है, जो उच्च और उच्च मध्यम वर्ग के दांपत्य जीवन में तनाव पैदा कर रहा है.
इस्लाम में तलाक और 'खुला' के बढ़ते मामले
काजी के पास ऐसी अर्जियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. हर महीने चार राज्यों से शौहर-बीवी के बीच अलगाव के लगभग छह से सात सौ मामले दायर हो रहे हैं, जिनमें 70 प्रतिशत से अधिक 'खुला' मांगने की अर्जियां शामिल हैं. इन मामलों में कई बार इस्लाम के खिलाफ बातें भी सामने आती हैं, जिससे काजी के लिए सुलह के रास्ते बंद हो जाते हैं और 'खुला' की इजाजत देनी पड़ती है.
अलगाव के मामलें बिहार में ज्यादा
इमारते शरिया का दारुल कजा यह आंकड़ा जारी नहीं करता, लेकिन अनुमान के अनुसार, पश्चिम बंगाल से अलगाव चाहने के मामलों की संख्या बिहार की तुलना में अधिक है. काजी मौलाना वसी साहब के अनुसार, इस धर्म अदालत में निकाह का निबंधन और अन्य दुनियावी मसलों पर शरीयत के अनुसार फतवे जारी किए जाते हैं, लेकिन यह अक्सर टूटते रिश्तों का गवाह बनता है.
काजी ने मोबाइल को जिम्मेदार बताया
एक बड़ा कारण मोबाइल का दुरुपयोग है, जिसमें 40 प्रतिशत मामले ऐसे हैं जो छुपकर बातचीत, वीडियो रिकॉर्डिंग, चैटिंग और ब्लैकमेलिंग से उत्पन्न हुए हैं. इसके अतिरिक्त, 15 प्रतिशत मामले शौहर की नशे की लत और 10 प्रतिशत मामले महिलाओं की ऑनलाइन खरीदारी पर रोकटोक के कारण हैं. अधिकतर 'खुला' मांगने के मामले निकाह के 40 दिन से एक साल के भीतर होते हैं.
तलाक और 'खुला' मांगने का अधिकार
इस्लाम में जब शौहर-बीवी के रिश्ते खराब होते हैं, तो तलाक और 'खुला' मांगने का अधिकार दोनों को है. तलाक के बाद शौहर को मेहर और परवरिश के लिए खर्च देना होता है, जबकि 'खुला' के मामले में पत्नी शौहर को मेहर और अन्य अधिकारों से मुक्त कर देती है.
बक्सर में खुला मांगने का एक केस
कुछ केस स्टडीज भी इस प्रवृत्ति को स्पष्ट करती हैं. बक्सर की एक नवविवाहिता ने कहा कि उसका पति ड्रग्स का सेवन करता है और इसीलिए उसे 'खुला' चाहिए. वहीं, पश्चिम बंगाल के एक पति ने अपनी पत्नी के व्हाट्सएप चैट को सबूत के रूप में पेश कर तलाक की मांग की. ऐसे कई उदाहरण हैं जो दर्शाते हैं कि कैसे तकनीकी साधनों का गलत उपयोग पारिवारिक रिश्तों में दरार डाल रहा है.