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छठ महापर्व में बिहार के इस जिले में मुस्लिम समुदाय देते हैं साथ, भाईचारे का अद्भुत संदेश

कटिहार में भाईचारे का एक ऐसा नजारा देखने को मिला जो पुरे देश को एक संदेश दे रहा है. हिंदुओं के इस महापर्व में मुस्लिम समुदाय भी उनका साथ दे रहें है. मुस्लिम समुदाय पिछले कई सालों से छठ पूजा में उपयोग होने वाले मिट्टी के चूल्हे का निर्माण करते आ रहें

Updated on: 26 Oct 2022, 06:20 PM

Katihar:

दिवाली के बाद लोग अब छठ पूजा की तैयारियों में लग गए हैं. बाजारों में इसकी भीड़ देखने को मिल रही है. घाटों को तैयार कर दिया गया है. बिहार से लेकर अब पुरे देश में छठ पूजा को लोग मनाते हैं. हिंदुओं के लिए ये सबसे बड़ा महापर्व होता है. इसकी अलग ही मान्यता होती है. लेकिन कटिहार में भाईचारे का एक ऐसा नजारा देखने को मिला जो पुरे देश को एक संदेश दे रहा है. हिंदुओं के इस महापर्व में मुस्लिम समुदाय भी उनका साथ दे रहें है. मुस्लिम समुदाय पिछले कई सालों से छठ पूजा में उपयोग होने वाले मिट्टी के चूल्हे का निर्माण करते आ रहें हैं. जिसे हिन्दू शौक से खरीदते हैं.  

चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व में दूसरे दिन साफ सफाई और नियम निष्ठा के साथ खीर और रोटी का प्रसाद बनाया जाता है. जिसे खरना कहते है. घरों में प्रसाद के लिए महिलाएं आम की लकड़ी और मिट्टी के चूल्हे पर खरना का महा प्रसाद बनाती है. लेकिन अमूमन देखा जाता है कि ये चूल्हे भी किसी हिन्दू के ही घर में बनते हैं. जिससे महिलाएं खरीदती हैं. क्योंकि इस पर्व को नियम कानून और निष्ठा के साथ किया जाता है. लेकिन कटिहार में लोगों ने इस दीवार को तोड़ दिया है. 

कटिहार के कई मुस्लिम परिवार 25 वर्षो से लगातार छठ के खरना के  प्रसाद में प्रयोग होने वाले मिट्टी के चूल्हे का निर्माण कर छठ व्रतियों को देते हैं.  चूल्हे के निर्माण की तैयारी तीन माह पूर्व से होने लगती है. जिसमें परिवार के सभी लोगो का सहयोग होता है. छठ पर्व के मौके पर लगभग 300 से 400 चूल्हे बनाते हैं ये लोग जो हाथो हाथ बिक जाता है.

छठ व्रती यहां पहुंचकर खरना के प्रसाद के लिए मिट्टी के चूल्हे को खरीदती हैं और छठ पर्व मनाती हैं. खरना मे बना प्रसाद भगवान भास्कर को अर्पित कर  इसी महा प्रसाद को छठ व्रती विधि पूर्वक ग्रहण करती हैं.