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मनेर में छात्राओं के साथ छेड़खानी( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)
पढ़ेंगी बेटियां, तभी तो आगे बढ़ेंगी बेटियां, इस लाइन का सरकार खूब प्रचार प्रसार करती है. बेटियों को पढ़ाने से लेकर उनकी सुरक्षा के तमाम दावें करती है, लेकिन आज जो तस्वीर पटना के मनेर से आई है. वो इन तमाम प्रचार, तमाम दावों को खोखला साबित कर रही है और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है. मनेर के अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन की छात्राओं के साथ छेड़खानी के मामले ने हड़कंप मचा दिया. बदमाशों ने छात्राओं को बस से उतारकर छेड़छाड़ की. उनके कपड़े तक फाड़ दिए. हैरानी की बात ये कि कॉलेज प्रशासन के विरोध के बाद ये गुंडे कॉलेज के अंदर जा पहुंचे. फायरिंग की और धमकी देते हुए निकल गए. डर के मारे 80 फीसदी छात्राओं ने कॉलेज आना बंद कर दिया.
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शासन प्रशासन का खौफ खत्म
थाने में शिकायत दी गई, तो कॉलेज को पुलिस सिक्योरिटी दे दी गई. बसों से आने-जाने वाली छात्राओं को सुरक्षा घेरे में कॉलेज लाया जा रहा है और वापस घर भेजा जा रहा है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये कि आखिर कितनी बेटियों को ऐसी सुरक्षा दे पाएंगे क्योंकि ये मनचले कहीं भी हो सकते हैं. कहीं भी बिहार की बेटियों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. क्या इन बदमाशों के मन में शासन प्रशासन का खौफ खत्म हो चुका है. कहीं ऐसा तो नहीं कि सुशासन की तस्वीर के बीच गुंडाराज का माहौल बनने लगा है.
बिहार में सुशासन व्यवस्था खत्म
दरअसल, सवाल ही यह है कि बिहार में आए दिन ऐसी घटनाएं घटित हो रही है जो पुलिस प्रशासन पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है. हम बिहार में गुंडाराज तो नहीं कह रहे लेकिन जिस तरह की खबर सामने आ रही है, उससे हम यहां सुशासन व्यवस्था भी नहीं कह सकते. किसी जगह लड़की से छेड़छाड़ हुई तो वहां कॉलेज के बाहर और बसों में सुरक्षा व्यवस्था लगा दी गई, लेकिन क्या इतने बड़े प्रदेश में गांव-घर और अन्य जगह की बेटियां सुरक्षित है.
खुलेआम बेटियों के साथ हो रही छेड़खानी
जब कॉलेज आने-जाने वाली लड़कियों की बसों को रोककर उनसे छेड़खानी की जा रही है तो क्या अकेली लड़की को देख, उसके साथ कोई अनहोनी ना हो, इसकी गारंटी कौन लेगा. राज्य के दबे-कुचले इलाके की बेटियां तो शायद इस घटना के बाद कॉलेज और स्कूल जाने की भी ना सोचें और ना जाने कितने मां-पिता ने तो बेटी की सुरक्षा को लेकर उनका कॉलेज-स्कूल जाना ही बंद करवा दिया हो. बिहार अभी भी पिछडे़ राज्य में आता है, लेकिन जिस राज्य में खुलेआम बेटियों के साथ इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा हो, वहां कैसे कोई बेटी समाज का विरोध कर अपने सपनों को उड़ान देगी. यहां एक नहीं कई सवाल उठ रहे हैं.
बेटियों को घर से निकलने में लग रहा डर!
क्या बिहार में प्रशासन व्यवस्था इतनी कमजोर है कि बदमाशों बेखौफ घूम रहे हैं. क्या उन्हें पुलिस प्रशासन का समर्थन मिल रहा है या पुलिस प्रशासन का डर ही उनके मन से खत्म हो चुका है. क्या इन मनचलों की गलती और छेड़खानी की सजा भी एक बेटी को ही मिलेगी. आखिर कब बिहार में भी बेटियां बेखौफ होकर अपने घरों से अकेले बाहर निकल पाएगी.
HIGHLIGHTS
- शासन प्रशासन का खौफ खत्म
- बिहार में सुशासन व्यवस्था खत्म
- खुलेआम बेटियों के साथ हो रही छेड़खानी
- मनचलों ने फाड़े छात्राओं के कपड़े
Source : News State Bihar Jharkhand