बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ( Sushil kumar Modi) ने एससी/एसटी सर्वदलीय विधायकों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार दलितों के अधिकारों के संरक्षण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उनके किसी भी अधिकार में किसी प्रकार की कटौती नहीं होने देगी. सुशील मोदी ने कहा कि बीजेपी (BJP) दलितों के लिए प्रोमोशन में आरक्षण और अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन का समर्थन करती है, लेकिन दलित आरक्षण में क्रीमी लेयर का कभी पक्षधर नहीं रही है.
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सुशील मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 5-5 जजों की दो बेंच ने जब नौकरियों के लिए एससी/एसटी के आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने के पक्ष में फैसला दिया तो उसे समीक्षा के लिए 7 जजों की बेंच में अपील कर केंद्र सरकार ने फिलहाल लागू करने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी न्यायिक सेवा के पक्ष में है और केंद्र सरकार इस दिशा में भी पहल कर रही है.
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उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार बीजेपी नेतृत्व की केंद्र सरकार ने दलित अत्याचार निवारण अधिनियम में 23 नई धाराएं जोड़कर उसे पहले से और कठोर बनाया तथा जब सुप्रीम कोर्ट ने कुछ धाराओं को शिथिल किया तो कानून में संशोधन कर उन्हें पुर्नस्थापित किया. मोदी ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की बेंच ने 9वीं अनुसूची में शामिल विषयों में भी न्यायिक समीक्षा का हाल ही में निर्णय दिया है. ऐसे में दलित अधिकारों के संरक्षण के लिए जो भी उचित पहल होगी, उसे केंद्र सरकार अख्तियार करेगी तथा अनुसूचित जाति व जनजाति के संविधान प्रदत्त अधिकारों में किसी प्रकार की कटौती नहीं होने देगी.'
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