Modi Cabinet Expansion: मोदी कैबिनेट में LJP और JDU से एक-एक मंत्री, सुशील मोदी को जगह नहीं
मोदी सरकार के कैबिनेट का विस्तार हो चुका है. इसमें कई नए चेहरों को शामिल किया गया हैं. मोदी कैबिनेट के विस्तार में बिहार से दो नेताओं को जगह दी गई है. इससे पहले चर्चा थी कि बिहार से चार चेहरे मोदी कैबिनेट का हिस्सा हो सकते हैं.
नई दिल्ली:
मोदी सरकार के कैबिनेट का विस्तार हो चुका है. इसमें कई नए चेहरों को शामिल किया गया हैं. मोदी कैबिनेट के विस्तार में बिहार से दो नेताओं को जगह दी गई है. इससे पहले चर्चा थी कि बिहार से चार चेहरे मोदी कैबिनेट का हिस्सा हो सकते हैं. लेकिन जेडीयू से एक और लोजपा से एक नेता को जगह दी गई है. जेडीयू से सांसद आरसीपी सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. इसके अलावा लोजपा अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस भी कैबिनेट मंत्री बने हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी को जगह नहीं मिल सकी है. उनका नाम बिहार चुनाव के बाद से ही चल रहा था.
सीएम नीतीश कुमार के करीबी मुंगेर से सांसद ललन सिंह को लेकर भी है, जिन्हें इस बार भी केंद्र में मंत्री बनने का मौका नहीं मिला. वहीं, भाजपा के सुशील कुमार मोदी के बारे में भी ऐसे ही प्रश्न खड़े हो रहे हैं कि आखिर उन्हें मोदी कैबिनेट में क्यों नहीं शामिल किया गया.
जनता दल यूनाइटेड के मंत्री बने राज्यसभा सदस्य आरसीपी सिंह सीएम नीतीश कुमार के बेहद करीबी नेताओं में गिने जाते हैं। आरसीपी सिंह की गिनती जदयू में नीतीश कुमार के बाद नंबर दो पर होती है। वह पार्टी के नीति निर्धारक भी रहे हैं। नीतीश कुमार के कई अहम फैसलों में आरसीपी सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सबसे खास यह कि वे नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के निवासी हैं। आरसीपी सिंह वर्ष 1998 से नीतीश कुमार के साथ हैं। लंबे समय तक वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव के रूप में भी काम करते रहे।
पारस को मंत्रिमंडल में शामिल करने के फैसले पर चिराग ने जताई नाराजगी
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के सांसद चिराग पासवान को केंद्रीय मंत्रिमंडल में चाचा और सांसद पशुपति पारस को शामिल करने का फैसला रास नहीं आया। उन्होंने पारस के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने पर कड़ा एतराज जताया है। बिहार के जमुई से सांसद लोजपा नेता चिराग पासवान ने बुधवार को कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती भी दी है।
पासवान अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, "पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी से पशुपति कुमार पारस जी को पहले ही पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है और अब उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने पर पार्टी कड़ा ऐतराज दर्ज कराती है।"
चिराग ने यह भी कहा, "प्रधानमंत्री के इस अधिकार का पूर्ण सम्मान है कि वे अपनी टीम में किसे शामिल करते हैं और किसे नहीं। लेकिन, जहां तक लोजपा का सवाल है पारस जी हमारे दल के सदस्य नहीं हैं। पार्टी को तोड़ने जैसे कार्यों को देखते हुए उन्हें मंत्री, उनके गुट से बनाया जाए तो लोजपा का कोई लेना देना नहीं है।"
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