नीतीश कुमार से विधायकों के बगावती तेवर, लालू यादव में माननीयों की निष्ठा
बिहार में इस साल चुनाव होने हैं और चुनावी साल में सबसे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी में ही बेचैनी बढ़ी है.
पटना:
बिहार (Bihar) में इस साल चुनाव होने हैं और चुनावी साल में सबसे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी में ही बेचैनी बढ़ी है. बागियों की संख्या बढ़ रही है और इन्हें लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से प्रेम हो रहा है. इन्हें तेजस्वी यादव की राजनीति भा रही है. जदयू के एक नहीं, दो माननीयों ने नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दिल्ली में चुनाव तो हो गए और अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की सरकार भी बन गई, मगर वहां एनडीए की हार का असर बिहार में बहुत तेज दिख रहा है. राज्य में बगावत शुरू हो गई है और वो भी नीतीश कुमार के दल जदयू (JDU) में.
यह भी पढ़ेंः बेरोजगारी पर नीतीश कुमार की पार्टी JDU में दो फाड़, अपनों ने उठाए सरकार पर सवाल
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बेरोजगारी हटाओ यात्रा पर निकल रहे हैं. इसको सत्तारुढ दल पहले ही अप्रासंगिक कह नकार चुकी है, मगर जदयू के एक विधायक और एक विधान पार्षद को तेजस्वी में संभावनाएं दिख रही हैं. दरभंगा के हायाघाट से जदयू विधायक अमरनाथ गामी ने तेजश्वी यादव की 23 फरवरी से शुरू की जाने वाली बेरोजगारी हटाओ यात्रा को सही ठहराया है. विधायक गामी ने कहा कि अब तक बिहार में किसी सरकार ने बेरोजगारी हटाने को लेकर गंभीरता से पहल नहीं की है.
जदयू विधान पार्षद जावेद इकबाल अंसारी भी तेजश्वी यादव के खुले समर्थन में आ गए हैं. उन्होंने भी तेजश्वी यादव की बेरोजगारी हटाओ यात्रा को सही बताया है. जावेद इकबाल अंसारी ने पिछले दिनों रांची में लालू यादव से मुलाकात भी की थी. तेजस्वी यादव का गुणगान जदयू के माननीय कर रहे तो खुशी राजद खेमे में है. पार्टी इसे झांकी बता रही है. राजद के प्रवक्ता मृत्युन्जय तिवारी की मानें तो होली के बाद जदयू और बीजेपी खाली हो जाएंगी. अब नीतीश कुमार और भाजपा से उनके नेताओं का मोहभंग हो गया है.
यह भी पढ़ेंः पूरे देश में शराब बंदी होनी चाहिए, यह महात्मा गांधी की इच्छा थी- नीतीश कुमार
उधर, चिंता की लकीरें जदयू और भाजपा के नेताओं के चेहरे पर दिख रही हैं. मगर वो मानने को तैयार ही नहीं कि उनके अपने नीतीश कुमार की नैया छोड़ने की ताक में हैं. जदयू के महासचिव और सांसद आर सीपी सिंह की मानें तो नीतीश कुमार को कोई नहीं छोड़ रहा. भाजपा ऐसे इस परिस्थिति में थोड़ी बेहतर है, क्योंकि खबर उनके सहयोगी खेमे से है. वे तो खुले दिल से कर रहे हैं कि पार्टी में आने वालों का स्वागत. वे कह रहे हैं कि महागठबंधन में स्थिति बुरी है और हमारे यहां लोग आने को तत्पर हैं.
बहरहाल राजनीतिक दल कुछ भी कहें, मगर नेताओं ने तो रंग दिखाना शुरू कर दिया है और फिलहाल भगदड़ तो नीतीश कुमार के घर में दिख रही और ऐसी परिस्थिति को इस चुनावी साल में नियंत्रित करना आसान नहीं होगा.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Namkaran Muhurat May 2024: मई 2024 में नामकरण संस्कार के लिए ये हैं शुभ मुहूर्त, ऐसे रखें बेबी का नाम
-
Chanakya Niti: चाणक्य के अनुसार चंचल मन वाले लोग होते हैं ऐसे, दोस्ती करें या नहीं?
-
Masik Janmashtami 2024: कल मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर बन रहे हैं ये 3 शुभ योग, जल्द विवाह के लिए करें ये उपाय
-
May Promotion Horoscope: मई 2024 में इन 3 राशियों को मिलेगी नौकरी में जबरदस्त तरक्की, सिंह का भी शामिल!