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मंत्री आलोक मेहता को जान से मारने की मिली धमकी, थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर

मंत्री आलोक मेहता को जान से मारने की धमकी दी गई है. उनके दिए गए बयान के कारण पूरे राज्य में बवाल हो रहा है. जाति विशेष को लेकर उन्होंने विवादित बयान दिया था जिसके बाद से ही उनका विरोध हो रहा है.

Updated on: 24 Jan 2023, 07:39 AM

highlights

  • मंत्री आलोक मेहता को जान से मारने की मिली धमकी
  • सरकारी फोन पर अज्ञात युवक ने दी भद्दी भद्दी गालियां
  • मंत्री आलोक मेहता ने सचिवालय थाना में दर्ज कराई एफआईआर

Patna:

बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक मेहता को जान से मारने की धमकी दी गई है. उनके दिए गए बयान के कारण पूरे राज्य में बवाल हो रहा है. जाति विशेष को लेकर उन्होंने विवादित बयान दिया था जिसके बाद से ही उनका विरोध हो रहा है. जिसके बाद अब उन्हें फोन करके भद्दी भद्दी गालियां दी जा रही हैं और जान मारने की धमकी भी दी गई है. मंत्री आलोक मेहता ने पटना के सचिवालय थाना में शिकायत दर्ज कराई है. मामले की लिखित जानकारी सचिवालय थाना को दे दिया गया है.

आलोक मेहता ने सचिवालय थाना में दर्ज कराई शिकायत

मंत्री आलोक मेहता ने बताया कि विभिन्न मोबाईल नम्बरों से फोन कर उनके जाती का नाम लेकर भद्दी भद्दी गालियां दी गई और जान मारने की धमकी दी गई है. जिसकी लिखत शिकायत उन्होंने सचिवालय थाना को दी है. पिछले दिनों आलोक मेहता के जाति विशेष पर दिए गए भाषण को लेकर ये विवाद इतना बढ़ गया कि अब उन्हें धमकी दी जा रही है. हालांकि उन्होंने मामला बढ़ता देख स्पष्टीकरण दिया था. वहीं, राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने अविलंब अभियुक्त की गिरफ्तारी के साथ उनकी सुरक्षा के कारगर उपाय की मांग की है. 

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10 प्रतिशत आरक्षण वाले अंग्रेजों के दलाल

भाषण देते हुए आलोक मेहता ने कहा था कि वो जमाना था, जब हमारे और आपके बाप-दादाओं को बड़हिया के सड़कों पर चप्पल पहन कर चलना मना था. इतना ही नहीं उन्हें खट्टियों पर बैठना मना था और वो कुछ बोल नहीं पाते थे. बोलने वालों की जुबान काट दी जाती थी. आजादी के पहले अंग्रेजों के साए में जो तबका जीता था, जगदेव बाबू उसी 90 प्रतिशत का हिस्सा है. पहले अंग्रेजों ने हमारे बाप-दादाओं का शोषण किया फिर अंग्रेजों के दलालों ने उनका शोषण किया, जिन्हें जगदेव बाबू ने 10 प्रतिशत का हिस्सा बताते थे. उन्हीं लोगों के पास सारी जमीन हैं. 

जमीनी विवाद में बिहार में 50 फीसदी हत्याएं 

उन्होंने कहा था कि मैं राजस्व और भूमि सुधार मंत्री हूं. मैं देख रहा हूं, खातियान के देख रहा हूं. बहुत से लोगों को अंग्रेजों की दलाली के एवज में या जब अंग्रेज जा रहे थे तो मुफ्त में सैकड़ों एकड़ जमीन लिखकर चले गए. जिनको  जमीन, भूमि नहीं थी, मेहनतकस किसान व मजदूर उनके शिकार थे, जिनके पास से जमीने नहीं थी. आज भी जमीन महत्वपूर्ण हिस्सा है. जिसकी वजह से आधी समस्याएं है. बिहार में 50 फीसदी से ज्यादा हत्याएं जमीन विवाद में होता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मंदिर में घंटी बजाने वाले लोग सत्ता संभाल रहे हैं.