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दूसरे राज्यों से बिहार लौट रहे मजदूर 14 दिनों तक रखे जाएंगे क्वारंटाइन में

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन में दूसरे राज्यों से अपने मूल प्रदेश लौट रहे मजदूरों और अन्य गरीब लोगों को बसों से भेजे जाने पर नाराजगी जाहिर की थी.

Updated on: 29 Mar 2020, 12:49 PM

पटना:

कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी रोकने के लिए लागू किए गए बंद (लॉकडाउन) के दौरान कई राज्यों के लाखों प्रवासी कामगार अपने मूल निवास स्थान और गांव के लिए पैदल ही चल पड़े हैं. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने शनिवार को राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को उनके लिए तत्काल राहत शिविर स्थापित करने और उनके स्वास्थ्य की जांच कराए जाने के निर्देश दिए. इसी कड़ी में बिहार सरकार (Bihar Govt) ने दूसरे राज्यों से लौटने वाले मजदूरों को क्वारंटाइन में रखने का फैसला लिया है.

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बिहार के मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि पड़ोसी राज्यों से बिहार वापस आने वाले प्रवासी श्रमिकों को राज्य के बोर्डर पर राहत केंद्रों में क्वारंटाइन रखा जाएगा. उन्होंने कहा किया यहां उन लोगों को खाना और दूसरी जरूरी सुविधाएं दी जाएंगी. उन्हें यहां 14 दिनों तक रखा जाएगा.

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन में दूसरे राज्यों से अपने मूल प्रदेश लौट रहे मजदूरों और अन्य गरीब लोगों को बसों से भेजे जाने पर नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने इसे एक गलत कदम बताया था. उन्होंने कहा था कि यह कदम लॉकडाउन को पूरी तरह असफल कर देगा. मुख्यमंत्री ने कहा था कि विशेष बसों से लोगों को भेजना एक गलत कदम है.इससे कोरोना वायरस महामारी और फैलेगी, जिसकी रोकथाम और उससे निपटना सबके लिए मुश्किल होगा.

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उन्होंने कहा था, 'जो जहां हैं उनके लिए रहने-खाने की व्यवस्था वहीं की जा रही है. बसों से लोगों को उनके राज्य भेजने का फैसला लॉकडाउन को पूरी तरह असफल कर देगा.' नीतीश ने कहा था कि स्थानीय स्तर पर ही कैम्प लगाकर लोगों के रहने और खाने का इंतजाम किया जाना चाहिए.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया है. ऐसे में मजदूरी बंद होने और रोजमर्रा की चीजें न मिलने पर दिल्ली और उसके आसपास से हजारों की संख्या में लोग अपने घर जाने के लिए पैदल निकल पड़े हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने इन लोगों को उनके ठिकानों तक पहुंचाने के लिए बसों का इंतजाम किया है. इन लोगों में से ज्यादातर लोग पूर्वांचल और बिहार के रहने वाले हैं.

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