गांव में प्रवासी मजदूर के बेटे ने आईआईटी रुड़की में जीता स्वर्ण पदक

राहुल कुमार के 52 वर्षीय पिता सुनील सिंह गुजरात के सूरत में दैनिक मजदूर के तौर पर काम करते हैं.

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Nihar Saxena
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Rahul Kumar

यूटी से करेगा पीएचडी राहुल कुमार.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

बिहार में नालंदा जिले के एक गांव के प्रवासी श्रमिक के 22 वर्षीय बेटे राहुल कुमार ने रुड़की स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है, जो देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक है. राहुल कुमार के 52 वर्षीय पिता सुनील सिंह गुजरात के सूरत में दैनिक मजदूर के तौर पर काम करते हैं. उनके पास खेती करने के लिए इतनी पर्याप्त जमीन नहीं थी कि उससे उनके परिवार का गुजारा हो पाता, इसलिए उन्हें गुजरात जाना पड़ा.

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डिजिटल मोड के माध्यम से आयोजित संस्थान के वार्षिक दीक्षांत समारोह के दौरान राहुल को राष्ट्रपति के डॉ. शंकर दयाल शर्मा गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया. राहुल ने धातुकर्म और सामग्री इंजीनियरिंग में बी. टेक पूरी की है. अकादमिक रूप से शानदार होने के अलावा, राहुल का हमेशा समाज के कल्याण के लिए झुकाव रहा है और उनके उत्साह ने ही उन्हें राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), आईआईटी रुड़की का महासचिव बनाया. कुमार ने अब संयुक्त राज्य अमेरिका के यूटा विश्वविद्यालय में पीएचडी करने के लिए छात्रवृत्ति हासिल की है.

आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत के. चतुर्वेदी ने आईएएनएस से कहा, 'अपने महान नेतृत्व और प्रबंधकीय कौशल के साथ उन्होंने लगभग 1,000 छात्रों की एक टीम का नेतृत्व किया और कई कॉलेज प्रशासन, सरकारी अधिकारियों और गैर सरकारी संगठनों के साथ संबंध स्थापित किया.' उन्होंने कहा, 'इस साल का दीक्षांत समारोह कई कारणों से खास है. सबसे पहला और महत्वपूर्ण कारण यह है कि हमारे पूर्व छात्र अशोक सुता इसके मुख्य अतिथि हैं. उनकी उपस्थिति हमारे लिए बहुत गर्व की बात है. दूसरा विशेष कारण यह है कि इस वर्ष के दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता हमारे बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष बी. वी. आर मोहन रेड्डी कर रहे हैं.'

Source : IANS/News Nation Bureau

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