कोरोना की जांच रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा, नाम-नंबर और उम्र सब फर्जी
बुनियादी डाटा प्रोटोकॉल के टारगेट को पूरा करने के लिए डाटा एंट्री में फर्जीवाड़ा किया गया. कुछ मामलों में उपयोग में नहीं लाई गई टेस्टिंग किटों से मुनाफा कमाने के लिए ये सब किया गया.
highlights
- जांच रिपोर्ट फर्जी नाम, उम्र व फोन नंबर पर जारी
- तेजस्वी यादव ने लगाया अरबों के घोटाले का आरोप
- तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर की गई गफलत
पटना:
बिहार की नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार कोरोना के फर्जी डाटा के आरोप से एक संकट से दो-चार हो रही है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच रिपोर्ट (Test Report) में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है. मुख्यतः यह फर्जीवाड़ा सरकारी अस्पतालों में की गई कोरोना जांच के आंकड़ों में सामने आया है. इसके पीछे के शातिर दिमाग ने मरीजों के नाम के साथ-साथ नंबर समेत उम्र में फर्जी एंट्री कर जांच रिपोर्ट दे दी गई. मोटे तौर पर इस फर्जीवाड़े को जमुई, शेखपुरा और पटना में अंजाम दिया गया है. इसका खुलासा कोरोना जांच रिपोर्ट से जुड़े लगभग 600 मामलों की पड़ताल में सामने आया है. इसको लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने आरोप लगाया गया है कि बिहार में फर्जी कोरोना टेस्ट दिखाकर नेता और अधिकारियों ने अरबों रुपये का घोटाला किया है. गौरतलब है कि कोरोना टेस्ट को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर सवाल खड़ा करते रही है. हालांकि सरकार ने कारोना जांच की गति बढ़ाने का दावा करती रही है.
पटना, जमुई व शेखपुरा में फर्जीबाड़ा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार के जमुई जिले के तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों ने कोरोना के 588 लोगों का कोविड टेस्ट किया गया, जहां पर उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है. परीक्षण किए गए प्रत्येक मरीज का नाम, उसकी आयु और मोबाइल नंबर को एक चार्ट में नीचे रखा गया और पटना भेजा गया, लेकिन इस डाटा को साजिशन राज्य के अन्य जिलों के आंकड़ों के साथ एकत्र किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स में जमुई, शेखपुरा और पटना में छह पीएचसी में 16, 18 और 25 जनवरी को चार्ट में कोरोना टेस्ट के रिकॉर्ड की गई 588 एंट्री की जांच की गई. हालांकि बुनियादी डाटा प्रोटोकॉल के टारगेट को पूरा करने के लिए डाटा एंट्री में फर्जीवाड़ा किया गया. कुछ मामलों में उपयोग में नहीं लाई गई टेस्टिंग किटों से मुनाफा कमाने के लिए ये सब किया गया.
यह भी देखेंः राहुल गांधी का बड़ा हमला, बोले- पीएम मोदी ने चीन के सामने टेका माथा
तेजस्वी नीतीश सरकार पर हमलावर
इसको लेकर राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कोरोना जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा है. तेजस्वी ने आरोप लगाया गया है कि बिहार में फर्जी कोरोना टेस्ट दिखाकर नेता और अधिकारियों ने अरबों रुपये का घोटाला किया है. तेजस्वी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, 'बिहार की आत्माविहीन भ्रष्ट नीतीश कुमार सरकार के बस में होता तो कोरोना काल में गरीबों की लाशें बेच-बेचकर भी कमाई कर लेती.' उन्होंने आगे कहा कि एक अखबार की जांच में यह साफ हो गया है कि सरकारी दावों के उलट कोरोना टेस्ट हुए ही नहीं और मनगढ़ंत टेस्टिंग दिखा अरबों का हेर-फेर कर दिया.
यह भी देखेंः मंगोलपुरी में बजरंग दल के कार्यकर्ता की घर में घुसकर हत्या
नीतीश को बताया भ्रष्टाचार का पितामह
तेजस्वी ने एक अन्य ट्वीट में आगे लिखा, 'हमारे द्वारा जमीनी सच्चाई से अवगत कराने के बावजूद मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बड़े अहंकार से दावे करते थे कि बिहार में सही टेस्ट हो रहे हैं. टेस्टिंग के झूठे दावों के पीछे का असली खेल अब सामने आया है कि फर्जी टेस्ट दिखाकर नेताओं और अधिकारियों ने अरबों रुपयों का बंदरबांट किया है.' उल्लेखनीय है कि तेजस्वी लगातार नीतीश कुमार की सरकार पर घोटाले का आरोप लगाते रहे हैं. तेजस्वी सार्वजनिक तौर पर कई बार नीतीश कुमार को 'भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह' बता चुके हैं.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य