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Kharmas 2022: 16 दिसंबर से शुरू हो रहा मलमास, शुभ कार्यों पर लगेगा विराम

इस बार खरमास (मलमास) का महीना 16 दिसंबर से शुरू हो रहा है. जो 14 जनवरी 2023 को समाप्त होगा.

Updated on: 03 Dec 2022, 01:33 PM

Patna:

इस बार खरमास (मलमास) का महीना 16 दिसंबर से शुरू हो रहा है. जो 14 जनवरी 2023 को समाप्त होगा. इस दौरान विवाह, सगाई, यज्ञ, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं होंगे. साथ ही नया घर या वाहन आदि खरीदना भी वर्जित हैं. ऐसा माना जाता है कि इस माह में सूर्य की गति धीमी हो जाती है. जिस कारण कोई भी शुभ काम सफल नहीं होते हैं. शास्त्रों में खरमास का महीना शुभ नहीं माना गया है. इस अवधि में मांगलिक कार्य करना प्रतिबंधित है. ज्योतिष शास्त्र और हिंदू धर्म के अनुसार इस दौरान शादी-विवाह से जुड़े कार्य नहीं किए जाते हैं. खरमास पूरे एक माह तक रहता है. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि दिसंबर में 16 तारीख से खरमास शुरू हो रहा है, जो नए साल में 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन समाप्त हो जाएगा. जिस दिन सूर्य देव के एक राशि से दूसरे राशि में स्थान बदलते हैं उस दिन को संक्रांति कहा जाता है. सूर्य देव दिसंबर महीने में धनु राशि में प्रवेश करेंगे. जिससे खरमास लगा रहा है. नए साल 2023 में सूर्य देव 14 जनवरी को धुन राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे, तो मकर संक्रांति पड़ेगी.

16 दिसंबर से 14 जनवरी तक खरमास के दौरान शादी-विवाह आदि कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. किसी भी नए कार्य की शुरूआत के लिए भी खरमास को अशुभ माना जाता है. 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन से खरमास समाप्त हो जाएगा. ऐसे में 15 जनवरी से शादी-विवाह आदि सभी मांगलिक कार्य और शुभ कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार खरमास पूजा-अर्चना के लिए शुभ माना गया है. 

खरमास प्रारंभ 
पंचांग के अनुसार, जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन से लेकर मकर राशि में प्रारंभ करने तक का समय खरमास होता है. इस साल खरमास का प्रारंभ 16 दिसंबर से हो रहा है. इस दिन सूर्य की धनु संक्रांति का क्षण सुबह 10:11 मिनट पर है. 

खरमास समापन 
16 दिसंबर से प्रारंभ हो रहे खरमास का समापन नए साल 2023 के पहले माह जनवरी में होगा. पंचांग के आधार पर जब सूर्य का धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश होगा तो वह सूर्य की मकर संक्रांति होगी. मकर के प्रारंभ होते ही खरमास का समापन हो जाता है. 14 जनवरी को रात 08:57 मिनट पर मकर संक्रांति का क्षण है. इस समय पर खरमास का समापन हो जाएगा. मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने के बाद सूर्य पूजा करते हैं. 

मांगलिक कार्य करना वर्जित 
धार्मिक और ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, खरमास को शुभ नहीं माना जाता है. इसलिए इस माह के दौरान कोई भी शुभ, मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है. इस दौरान हिंदू धर्म में बताए गए संस्कार, जैसे मुंडन संस्कार, यज्ञोपवीत, नामकरण, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ, वधू प्रवेश, सगाई, विवाह आदि कोई भी कार्य नहीं किया जाता है. 

साल में दो बार लगता है खरमास
ज्योतिष के अनुसार, साल में दो बार खरमास लगता है. जब सूर्य मार्गी होते हुए बारह राशियों में एक राशि से दूसरी राशि में भ्रमण करते हैं तो इस दौरान बृहस्पति के आधिपत्य वाली राशि धनु और मीन में जब सूर्य का प्रवेश होता है तो खरमास लगता है. इस तरह से मार्च माह में जब सूर्य मीन में प्रवेश करते हैं तब खरमास लगता है तो वहीं, दिसंबर में जब सूर्य धनु में प्रेवश करते हैं तब खरमास लगता है. इस समय सूर्य की उपासना करने का विशेष महत्व माना जाता है. खासतौर पर जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में हो उन्हें खरमास के दौरान सूर्य उपासना अवश्य करनी चाहिए.

इन बातों का रखें ध्यान
खरमास में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं. इस समय अगर विवाह किया जाए तो भावनात्मक और शारीरिक सुख दोनों नहीं मिलते हैं. इस समय मकान का निर्माण या संपत्ति की खरीदारी वर्जित होती है. इस दौरान बनाए गए मकान आमतौर पर कमजोर होते हैं और उनसे निवास का सुख नहीं मिल पाता है. खरमास में नया कार्य या व्यापार शुरू न करें. इससे व्यापार में शुभ फलों के प्राप्त होने की संभावना बहुत कम हो जाती है. इस दौरान द्विरागमन, कर्णवेध और मुंडन जैसे कार्य भी वर्जित होते हैं क्योंकि इस अवधि के किए गए कार्यों से रिश्तों के खराब होने की सम्भावना होती है. इस महीने धार्मिक अनुष्ठान न करें. 

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